Chandrayaan 2 Update: नासा ने तस्वीरें जारी कर के बताया, विक्रम लैंडर की हुई थी हार्ड लैंडिंग

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद के सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी. दरअसल, नासा चंद्रयान 2 की लैंडिंग की कुछ हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें रिलीज की हैं. इन्हीं तस्वीरों के आधार पर नासा का कहना है कि लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी.

लैंडर विक्रम की हुई थी हार्ड लैंडिंग (Photo Credits: Twitter@NASA)

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2') के लैंडर विक्रम (Vikram Lander) की चांद के सतह पर हार्ड लैंडिंग (Hard Landing) हुई थी. दरअसल, नासा चंद्रयान 2 की लैंडिंग की कुछ हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें रिलीज की हैं. इन्हीं तस्वीरों के आधार पर नासा का कहना है कि लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी. नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा’ (LROC) से ली गईं उस क्षेत्र की ‘हाई रेजोल्यूशन’ तस्वीरें शुक्रवार को जारी कीं जहां भारत (India) ने अपने महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान दो’ मिशन के तहत लैंडर विक्रम की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ (Soft Landing) कराने की कोशिश की थी.

नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान उस जगह की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने सॉफ्ट लैंडिग के जरिए उतरने का प्रयास किया था लेकिन एलआरओसी की टीम लैंडर के स्थान या उसकी तस्वीर का पता नहीं लगा पाई है. यह भी पढ़ें- चंद्रयान-2 के लैंडिंग स्थान की तस्वीरों का विश्लेषण और समीक्षा कर रहा नासा.

देखें तस्वीरें-

नासा ने कहा कि विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई और अंतरिक्ष यान के सटीक स्थान का पता अभी तक नहीं चला है. नासा ने बताया कि इस दृश्यों की तस्वीरें लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा क्विकमैप ने लक्षित स्थल से ऊपर उड़ान भरने के दौरान ली. चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी और विक्रम लैंडर का लैंडिंग से चंद मिनटों पहले जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था.

‘गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर’ के एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि एलआरओ 14 अक्टूबर को दोबारा उस समय संबंधित स्थल के ऊपर से उड़ान भरेगा जब वहां रोशनी बेहतर होगी.

भाषा इनपुट

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