UPI लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 29 तक पहुंच सकती है 439 अरब: रिपोर्ट

देश में यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2028-29 तक 439 अरब पहुंच सकती है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 131 अरब थी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

टेक IANS|
UPI लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 29 तक पहुंच सकती है 439 अरब: रिपोर्ट
UPI (img: Wikimedia commons)

नई दिल्ली, 29 अगस्त : देश में यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2028-29 तक 439 अरब पहुंच सकती है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 131 अरब थी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

पीडब्ल्यूसी इंडिया द्वारा जारी 'इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक' नाम की रित�ुए कैमरे में कैद, रेलवे ने दी प्रतिक्रिया

  • अवारा कुत्तों से लगा डर! 180 मीटर दूर जाने के लिए लड़की ने बुक कर दी Ola, सिर्फ 2 मिनट की राइड हुई वायरल
  • Close
    Search

    UPI लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 29 तक पहुंच सकती है 439 अरब: रिपोर्ट

    देश में यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2028-29 तक 439 अरब पहुंच सकती है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 131 अरब थी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

    टेक IANS|
    UPI लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 29 तक पहुंच सकती है 439 अरब: रिपोर्ट
    UPI (img: Wikimedia commons)

    नई दिल्ली, 29 अगस्त : देश में यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2028-29 तक 439 अरब पहुंच सकती है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 131 अरब थी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

    पीडब्ल्यूसी इंडिया द्वारा जारी 'इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक' नाम की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते आठ वर्षों में भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में बड़ी प्रगति देखने को मिली है और आने वाले वर्षों में इस इंडस्ट्री के तीन गुना होने की संभावना है. इस कारण वित्त वर्ष 2028-29 तक डिजिटल लेनदेन की संख्या 481 अरब तक पहुंच सकती है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 159 अरब थी. इस दौरान लेनदेन की वैल्यू भी 265 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 593 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है. यह भी पढ़ें : Flipkart ने 13 मिनट में लैपटॉप डिलीवर करने के बाद कस्टमर को दिया सरप्राइज, गिफ्ट में दी ये चीज

    रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई लगातार डिजिटल पेमेंट क्षेत्र का नेतृत्व कर रहा है. यूपीआई लेनदेन की संख्या में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिल रही है. पीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 131 अरब थी, जो कि वित्त वर्ष 2028-29 तक बढ़कर 439 अरब पर पहुंच सकती है. यूपीआई की भारत में कुल रिटेल पेमेंट में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है, जो कि वित्त वर्ष 2028-29 तक बढ़कर 91 प्रतिशत हो सकती है."

    रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में क्रेडिट कार्ड्स क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली थी. इस दौरान 1.6 करोड़ नए कार्ड्स जारी हुए थे. इसके कारण क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेनदेन की संख्या में 22 प्रतिशत और वैल्यू में 28 प्रतिशत का इजाफा हुआ. वित्त वर्ष 2028-29 में क्रेडिट कार्ड की संख्या 20 करोड़ तक पहुंच सकती है. हालांकि, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल आने वाले समय में कम होता जाएगा. इसकी लेनदेन की संख्या और वैल्यू दोनों में कमी देखने को मिलेगी.

    पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर मिहिर गांधी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में पेमेंट इंडस्ट्री इकोसिस्टम को बढ़ाने पर प्राथमिकता देगी. साथ ही मौजूदा प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल के नए तरीकों पर फोकस किया जाएगा.

    img
    टेक IANS|
    UPI लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 29 तक पहुंच सकती है 439 अरब: रिपोर्ट
    UPI (img: Wikimedia commons)

    नई दिल्ली, 29 अगस्त : देश में यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2028-29 तक 439 अरब पहुंच सकती है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 131 अरब थी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

    पीडब्ल्यूसी इंडिया द्वारा जारी 'इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक' नाम की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते आठ वर्षों में भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में बड़ी प्रगति देखने को मिली है और आने वाले वर्षों में इस इंडस्ट्री के तीन गुना होने की संभावना है. इस कारण वित्त वर्ष 2028-29 तक डिजिटल लेनदेन की संख्या 481 अरब तक पहुंच सकती है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 159 अरब थी. इस दौरान लेनदेन की वैल्यू भी 265 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 593 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है. यह भी पढ़ें : Flipkart ने 13 मिनट में लैपटॉप डिलीवर करने के बाद कस्टमर को दिया सरप्राइज, गिफ्ट में दी ये चीज

    रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई लगातार डिजिटल पेमेंट क्षेत्र का नेतृत्व कर रहा है. यूपीआई लेनदेन की संख्या में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिल रही है. पीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 131 अरब थी, जो कि वित्त वर्ष 2028-29 तक बढ़कर 439 अरब पर पहुंच सकती है. यूपीआई की भारत में कुल रिटेल पेमेंट में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है, जो कि वित्त वर्ष 2028-29 तक बढ़कर 91 प्रतिशत हो सकती है."

    रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में क्रेडिट कार्ड्स क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली थी. इस दौरान 1.6 करोड़ नए कार्ड्स जारी हुए थे. इसके कारण क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेनदेन की संख्या में 22 प्रतिशत और वैल्यू में 28 प्रतिशत का इजाफा हुआ. वित्त वर्ष 2028-29 में क्रेडिट कार्ड की संख्या 20 करोड़ तक पहुंच सकती है. हालांकि, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल आने वाले समय में कम होता जाएगा. इसकी लेनदेन की संख्या और वैल्यू दोनों में कमी देखने को मिलेगी.

    पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर मिहिर गांधी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में पेमेंट इंडस्ट्री इकोसिस्टम को बढ़ाने पर प्राथमिकता देगी. साथ ही मौजूदा प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल के नए तरीकों पर फोकस किया जाएगा.

    img
    शहर पेट्रोल डीज़ल
    New Delhi 96.72 89.62
    Kolkata 106.03 92.76
    Mumbai 106.31 94.27
    Chennai 102.74 94.33
    View all
    Currency Price Change
    img
    Google News Telegram Bot
    About Us | Terms Of Use | Contact Us 
    Download ios app Download ios app