Mastodon क्या सच में Twitter का विकल्प है ? फटाफट ऐसे बनाएं अपना अकाउंट

कुछ साल पहले विलुप्त हो चुके विशाल जानवर मैस्टोडॉन (Mastodon) के नाम पर बना सोशल नेटवर्किंग सर्विस (Social Networking Service) भारत में पसंद किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में इससे कई भारतीय यूजर्स जुड़े है.

ट्विटर और मैस्टोडॉन (File Photo)

कुछ साल पहले विलुप्त हो चुके विशाल जानवर मैस्टोडॉन (Mastodon) के नाम पर बना सोशल नेटवर्किंग सर्विस (Social Networking Service) भारत में पसंद किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में इससे कई भारतीय यूजर्स जुड़े है. इनमें से अधिकतर यूजर ट्विटर से है. हालांकि इंटरनेट की दुनिया में मैस्टोडॉन की पहचान ट्विटर (Twitter) के विकल्प के तौर पर ही है. यहीं वजह है कि मैस्टोडॉन शब्द ट्विटर पर ट्रेंड भी हो रहा है.

साल 2016 में मैस्टोडॉन को जर्मनी के 26 वर्षीय रोचको (Eugen Rochko) ने विकसित किया है. भारत में अचानक मैस्टोडॉन के ट्रेंड होने पर उन्होने खुशी जाहीर करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है. सभी का स्वागत करते हैं.

सोशल साइट होने के बाद भी मैस्टोडॉन ट्विटर और इसके जैसे अन्य प्लेटफार्मों से बेहद अलग है. इसके काम करने के तरीके के अलग होने के चलते यह दूसरों के मुक़ाबले अधिक यूजर फ्रेंडली है. यह ओपन सोर्स सोशल नेटवर्क पर काम करता है. मैस्टोडॉन एकल इकाई साइट पर यूजर के डेटा को नियंत्रित नहीं करती है. यह यूजर्स को अपने नेटवर्क में खुद के सर्वर नोड को होस्ट करने की इजाजत देता है.

मैस्टोडॉन पर अकाउंट कैसे बनाएं ?

हालांकि भारत में मैस्टोडॉन के ट्रेंड होने कि मुख्य वजह ट्विटर के खिलाफ यूजर का गुस्सा भी है. यूजर्स ने ट्विटर पर पक्षपात का आरोप लगाया है. इसको लेकर ट्विटर पर ही अभियान भी छेड़ा गया था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े (Sanjay Hegde) के अकाउंट को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने हिटलर के नाज़ी ज़माने की एक वायरल तस्वीर पोस्ट करने के कारण सस्पेंड कर दिया था. हेगड़े द्वारा अकाउंट रिस्टोर करने के अनुरोध के बाद भी ट्विटर ने अकाउंट नहीं शुरू किया. इसके बाद ट्विटर पर तमाम यूज़र्स ने 6 नवंबर को 24 घंटे के लिए बॉयकॉट करने की मुहिम शुरू की.

ट्विटर के खिलाफ इस मुहिम में कई बड़े नाम भी शामिल हुए. हालांकि संजय हेगड़े ने अब मैस्टोडॉन पर अकाउंट शुरू किया है. कई भारतीय स्कॉलर और कार्यकर्ताओं ने भी मैस्टोडॉन का रुख किया है.

हालांकि, ट्विटर इंडिया (Twitter India) ने अभी आरोपों को खारिज कर दिया है. ट्विटर ने अपने जवाब में कहा कि पॉलिसी से लेकर प्रोडक्ट फीचर या नियमों को लागू करने में ट्विटर कभी पक्षपात नही करता है. हम निष्पक्ष हैं और किसी भी विचारधारा या राजनीतिक दृष्टिकोण के आधार पर कार्रवाई नहीं करते हैं.

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