Yo-yo test and Dexa scan: टीम इंडिया में चयन के लिए यो-यो टेस्ट और डेक्सा स्कैन हुआ अनिवार्य, जानें इससे जुड़ी बातें
बैठक में यो-यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दा शामिल था, बीसीसीआई भारतीय खिलाड़ियों के चयन के लिए दोनों टेस्ट को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहा है और केंद्रीय कॉन्ट्रैक्ट में शामिल खिलाड़ियों की भूमिकाओं और जरूरतों के आधार पर एक अनुकूलित रोडमैप का उपयोग करके उन्हें लागू करेगा.
बीसीसीआई इस बात से दुखी है कि उनकी टीम 2022 में टी20 विश्व कप में हार गई. इसकी भरपाई के लिए 1 जनवरी को एक समीक्षा बैठक की गई. बैठक में कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ शामिल हुए. चर्चा 2022 में टीम इंडिया के प्रदर्शन और टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार पर केंद्रित रही. बैठक के बाद खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव किया जाएगा, इस बारे में कई अहम फैसले किए गए. यह भी पढ़ें: बीसीसीआई की समीक्षा बैठक संपन्न, ODI वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए कई अहम मुद्दों पर चर्चा
बैठक में यो-यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दा शामिल था, बीसीसीआई भारतीय खिलाड़ियों के चयन के लिए दोनों टेस्ट को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहा है और केंद्रीय कॉन्ट्रैक्ट में शामिल खिलाड़ियों की भूमिकाओं और जरूरतों के आधार पर एक अनुकूलित रोडमैप का उपयोग करके उन्हें लागू करेगा.
क्या है यों-यों टेस्ट
इस टेस्ट में कुल 23 लेवल पार करने होते हैं. जिसमे खिलाड़ियों के लिए इसकी शुरुआत 5वें लेवल से होती है. 20 मीटर की दूरी पर कोन रखें जाते हैं. हर खिलाड़ी को 20 मीटर कोन तक जाना और 20 मीटर लौटना यानि 40 मीटर की दूरी एक तय समय में पूरी करनी होती है. जैसे-जैसे लेवल की संख्या बढ़ती है इस दूरी को पूरा करने का समय भी कम होता जाता है. इसी के आधार पर स्कोर तय किया जाता है जो कि पूरी तरह सॉफ्टवेयर पर होता है. बीसीसीआई ने यो-यो टेस्ट पास करने का स्कोर 16.1 रखा है. अब खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन के साथ साथ फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा.
क्या है डेक्सा स्कैन
यों-यों टेस्ट के अलावा खिलाड़ियों की फिटनेस को थोड़ा और वैज्ञानिक तरीके से जांचने के लिए डेक्सा टेस्ट को उपयोग किया जाता है. इसमें खिलाड़ियों के बोन डेंसिटी टेस्ट को डेक्सा स्कैन के नाम से जाता है. ये एक स्पेशल तरह का एक्स रे टेस्ट होता है जो हड्डियों की डेंसिटी को मापता है. इससे फ्रैक्चर्स को लेकर भी सटीक जाँच हो पाती है. इस टेस्ट में बॉडी का फैट पर्सेनटेज, मास और टिशू के सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण चीजो की जाँच की जाती है. जिसमे लगभग 10 मिनट में पाता लगाया जा सकता है कि खिलाड़ी कितना फिट है. यह टेस्ट एक्सरे की मदद से की जाती है.