भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पीठ की चोट के कारण टी20 विश्व कप से बाहर हो गए हैं जो भारत के लिए बड़ा झटका है. अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि भारत के तेज आक्रमण का नेतृत्व कौन करेगा क्योंकि भारत 2007 में जीते विश्व कप को फिर से जीतना चाहता है. 28 सितंबर को पहली बार बुमराह के चोट लगने की खबर बाहर आई थी. तब कहा गया था कि यह तेज गेंदबाज विश्व कप से बाहर हो सकता है. हालांकि तब बीसीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली और प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ ने उनके विश्व कप से बाहर होने की खबर को नकारा था और कहा था कि वह बस दक्षिण अफ्ऱीका के खिलाफ सीरीज से बाहर हुए हैं. यह भी पढ़ें: बुमराह चोट के कारण टी20 विश्व कप 2022 से बाहर होने से निराश
लेकिन सोमवार को बोर्ड ने पुष्टि की कि वह विश्व कप से बाहर हो गए हैं. बीसीसीआई ने अपनी मेडिकल टीम से सलाह लेने के बाद यह फैसला किया है। हालांकि बुमराह की पीठ के चोट की प्रकृति को बोर्ड ने निश्चित नहीं किया है लेकिन ईएसपीएनक्रिकइंफो समझता है कि उनकी पीठ में तनाव की समस्या है और वह कम से कम छह सप्ताह तक एक्शन से बाहर रह सकते हैं.
इससे पहले पीठ की चोट के कारण ही बुमराह एशिया कप में भी नहीं खेले थे. हालांकि उनका चयन ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्ऱीका के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए हुआ था और वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा और तीसरा टी20 मैच भी खेले थे. लेकिन इसके बाद उनकी चोट फिर उभरी और वह दक्षिण अफ्ऱीका के खिलाफ सीरीज से बाहर हो गए.
दरअसल बुमराह की यह पीठ की समस्या पिछले तीन साल से है। सितंबर, 2019 में पहली बार इसका पता चला था और यह तेज गेंदबाज लगभग तीन महीने के लिए एक्शन से बाहर हो गया था.
भारत के पास मोहम्मद शमी और दीपक चाहर के रूप में टी20 विश्व कप के लिए दो रिजर्व तेज गेंदबाज हैं, बोर्ड इन्हीं में से किसी एक को मुख्य दल से जोड़ सकता है. बीसीसीआई यह बदलाव 15 अक्टूबर तक खुद कर सकता है, इसके बाद उन्हें आईसीसी की तकनीकी समूह से इसके लिए अनुमति लेनी होगी.
इसके पहले घुटने की चोट के कारण ऑलराउंडर रवींद्र जाडेजा भी टी20 विश्व कप से बाहर हो गए थे. भारतीय टीम अभी भी दीपक हुड्डा की फिटनेस आकलन का इंतजार कर रही है, जो कि 15 सदस्यीय विश्व कप दल में शामिल हैं. हुड्डा भी पीठ की चोट के कारण अभी एनसीए, बेंगलुरू में हैं. भारतीय दल को 6 अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होना है.
भारत के पास एक और विकल्प है कि वह अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करे ताकि गेंदबाजी की कमजोरी को ढका जा सके. हार्दिक पांड्या अपनी आलराउंड क्षमता के लिए ज्यादा प्रसिद्ध हैं और वह बुमराह की अनुपस्थिति के लिए पांच गेंदबाजों पर निर्भर करे। हर्षल पटेल, भुवनेश्वर कुमार, अक्षर पटेल और आर अश्विन - ये गेंदबाज जो बल्ला चलाने में भी सक्षम हैं और भारत को विकल्प देते हैं.
बल्लेबाजों से भरी टीम उतारने और बड़ा स्कोर बनाने से गेंदबाजों पर से भी दबाव कम होगा.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई आलराउंडर शेन वाटसन ने कहा कि बुमराह की अनुपस्थिति में वह तेज गेंदबाजी विकल्प के लिए ही जाना चाहेंगे और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाज को लाना चाहेंगे. वाटसन का महसूस करना है कि शमी की नई गेंद के साथ तेजी बुमराह की बराबरी करती है जो ऑस्ट्रेलिया की विकेटों पर महत्वपूर्ण होगी.
वाटसन ने सिराज की सराहना करते हुए कहा कि वह तेज हैं, गेंद को बाहर स्विंग कराते हैं और साथ ही उनकी डेफेंसिव शैली भी महत्वपूर्ण है. वह आईपीएल खेलते हुए खेल के कुछ ट्रिक भी सीख गए हैं। वह ऐसे खिलाड़ी होंगे जो सर्वाधिक प्रभाव छोड़ेंगे.