फीफा विश्व कप 2018: बरसों बाद सेमीफाइनल में पहुंचना चाहेंगे स्वीडन-इंग्लैंड

इंग्लैंड का दारोमदार कप्तान केन पर ही होगा. उन्हीं के दम पर इंग्लैंड ने विश्व कप में अपना वर्चस्व बनाए रखा है.

बरसों बाद सेमीफाइनल में पहुंचना चाहेंगे स्वीडन-इंग्लैंड (Photo Credits: FIFA/Twitter)

समारा. फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के तीसरे क्वार्टर फाइनल में शनिवार को इंग्लैंड का सामना समारा एरिना में स्वीडन से होगा. दोनों टीमों के पास इस मैच में इतिहास रचने का मौका है. इन दोनों में से जो भी टीम सेमीफाइनल में पहुंचेगी, वो बरसों से चले आ रहे अंतिम-4 में न जाने के अपने सूखे को खत्म करेगी. स्वीडन ने 1994 के बाद से कभी भी विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह नहीं बनाई है. 1994 में स्वीडन को तीसरा स्थान मिला था. इंग्लैंड 1990 में इटली में खेले गए विश्व कप में चौथे स्थान पर रहा था लेकिन इसके बाद वो कभी सेमीफाइनल में कदम नहीं रख सका. ऐसे में दोनों टीमों की कोशिश बरसों से जारी कमी को पूरा करने की होगी.

स्वीडन ने स्विट्जरलैंड को मात देकर अंतिम-8 में जगह बनाई है. इंग्लैंड ने कोलंबिया को पेनाल्टी शूटआउट में हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया है.

दोनों टीमों की ताकत एक दूसरे से उलट है। स्वीडन का डिफेंस दमदार है तो इंग्लैंड की आक्रमण पंक्ति। मैच में इन दोनों के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही है.

स्वीडन ने अभी तक खेले चार मैचों में सिर्फ दो गोल खाए हैं, वहीं अगर कोलंबिया के खिलाफ हुए पेनाल्टी शूट आउट को हटा दें तो इंग्लैंड ने अभी तक चार गोल खाए हैं. स्वीडन ने अभी तक छह गोल किए हैं जबकि इंग्लैंड ने नौ गोल किए हैं जिसमें छह गोल अकेले उसके कप्तान हैरी केन के हैं। वह गोल्डन बूट की रेस में सबसे आगे हैं.

देखना यह होगा कि स्वीडन का डिफेंस इंग्लैंड की मजबूत आक्रामण पंक्ति को रोक पाता है या नहीं. हालांकि स्वीडन के लिए डिफेंस में एक खतरा यहा है कि उसके खिलाड़ी मिकाएल लस्टिंग येलो कार्ड के कारण निलंबन झेल रहे हैं और इस मैच में नहीं उतरेंगे. वहीं उसके लिए अच्छी बात यह है कि मिडफील्डर सेबस्टियन लार्सन निलंबन के बाद वापसी कर रहे हैं. लस्टिंग की गैरमौजूदगी में स्वीडन का डिफेंस कैसे केन और उनके अटैक को रोकेगा, इसके लिए कोच को विशेष तैयारी करनी होगी.

इंग्लैंड का दारोमदार कप्तान केन पर ही होगा. उन्हीं के दम पर इंग्लैंड ने विश्व कप में अपना वर्चस्व बनाए रखा है. 1966 विश्व कप के विजेता इंग्लैंड को भी मैच से पहले एक बुरी खबर मिली है. उसके स्टार खिलाड़ी जेम्स वार्डी इस अहम मैच में मैदान पर उतर पाएंगे या नहीं, इस पर अभी संशय बना हुआ है.

केन के अलावा मिडफील्डर जेसे लिंगार्ड और फॉरवर्ड खिलाड़ी रहीम स्टर्लिग को भी इस मैच में अहम भूमिका निभानी होगी. पिछले मैच में कोलंबिया के खिलाफ हालांकि एक कमी यह देखी गई थी कि डिफेंडर कीरान ट्रिपिर ने केन और लिंगार्ड के लिए कई मौके बनाए थे लेकिन यह दोनों अंजाम तक नहीं पहुंचा सके थे। फीनिशिंग पर इंग्लैंड को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

स्वीडन:

गोलकीपर: रोबिन ओल्सन, कोर्ल जोहान जॉनसन, क्रिस्टोफर नोर्डेल्ट.

डिफेंडर: मिकाएल लुस्टिग, विक्टर लिंटेलोफ, आंद्रेस ग्रांक्वैस्ट, मार्टिन ओल्सोन, लुडविग ऑगिस्टन्सन, फिलिप हेलांडर, एमिल क्राफ्थ, पोंट्स जानसन.

मिडफील्डर: सेबेस्टियन लार्सन, एल्बिन एकडल, एमिल फोर्सबर्ग, गुस्ताव स्वेनसन, ऑस्कर हिल्जेमार्क, विक्टर क्लासेन, मार्कस रोहदेन, जिमी दुरमाज.

फारवर्ड: मार्कस बर्ग, जॉन ग्वीडेटी, ओला तोइवोनेन और किएसे थेलिन.

इंग्लैंड:

गोलकीपर: जॉर्डन पिकफोर्ड, जैक बुटलैंड, निक पोप.

डिफेंडर: केल वॉकर, डेनी रोस, जॉन स्टोन्स, हैरी मेग्वीर, कीरान ट्रिपिर, गैरी काहिल, फिल जोन्स, फाबिया डेल्फ, एश्ले यंग, ट्रेंट एलेक्जेंडर आरनोल्ड.

मिडफील्डर: एरिक डिएर, जेसे लिंगार्ड, जॉर्डन हेंडरसन, डेले अली, रुबेन लोफ्टस चीक.

फॉरवर्ड: हैरी केन, रहीम स्टर्लिग, जैमी वार्डी, डैनी वेलबैक, मार्कस रैशफोर्ड.

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