भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने 2007 में भारत को टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जिताया था. लेकिन माही के परफॉर्मेंस की बात करे तो अब इस दुरंधर बल्लेबाज का प्रदर्शन पहले जैसा नही रहा गया है. एमएस धोनी ने साल 2018 में महज 70.47 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. जो एक कैलेंडर ईयर में ये उनका सबसे खराब प्रदर्शन है. यही कारण है कि चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले टी-20 मैचों से धोनी का नाम निकाल दिया है.
धोनी का बल्ला पिछले कई मैचों से नहीं चल पा रहा है. धोनी वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज में भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाए थे. इंग्लैंड में उन्होंने दो वनडे पारियों में बल्लेबाजी की और वहां उनका स्ट्राइक रेट 63.20 रहा. इंग्लैंड में धोनी को चौके-छक्के लगाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. ऐसे में इस बात की संभावना है कि सेलेक्टर्स ने उनके मौजूदा फॉर्म को देखते हुए यह फैसला लिया है. जानकारों का मानना है कि 2019 का वर्ल्ड कप इंग्लैंड में होने वाला है. जहां पर धोनी का बल्ला बिलकुल शांत हो जाता है. इसलिए वह युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को मौका देना चाहते हैं. यह भी पढ़ें- पूर्व कप्तान धोनी के प्रदर्शन से निराश हुए बीजेपी के मंत्री, दी रिटायर होने की सलाह
टी-20 फार्मेट से ड्रॉप किए जाने की एक मेन वजह ऋषभ पंत का मौजूदा फॉर्म भी है. जानकार बताते हैं कि ऋषभ पंत को धोनी के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. इंग्लैंड की सीरीज में ऋषभ ने कमाल का प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही सेलेक्टर्स उन्हें वनडे में भी आजमा रहे हैं. ऐसे में उन्हें टी-20 फॉर्मेट में भी मौका दिया गया है. पंत एक युवा क्रिकेटर हैं. सेलेक्टर्स भविष्य की ओर देख रहे हैं. ऐसे में अब धोनी के वनडे करियर पर भी सवाल उठने लगे हैं.