What country did Rahul Dravid play for in June 2003? भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम(India National Cricket Team) के 'द वॉल' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़(Rahul Dravid) को लेकर एक किस्सा ऐसा भी है जो कम ही लोगों को मालूम है. पूर्व भारतीय टीम के हेड कोच द्रविड़ ने न केवल भारत, बल्कि एक समय पर स्कॉटलैंड के लिए भी क्रिकेट खेला था. यह कहानी 2003 की है, जब राहुल द्रविड़ इंग्लिश घरेलू वनडे लीग में स्कॉटलैंड राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सदस्य बने और कुल 12 मैचों में खेलते हुए स्कॉटलैंड का प्रतिनिधित्व किया. इस अद्भुत किस्से में कई दिलचस्प पहलू हैं जो द्रविड़ की क्रिकेट यात्रा में एक नया आयाम जोड़ते हैं. यह भी पढ़ें: स्कॉटलैंड ने अमेरिका 71 रनों से हराकर चटाई धूल, ब्रैंडन मैकमुलेन और जैक जार्विस रहे जीत के हीरो, यहां देखें मैच का स्कोरकार्ड
कैसे स्कॉटलैंड पहुंचे राहुल द्रविड़?
2003 में, स्कॉटिश क्रिकेट यूनियन के सीईओ ग्वेन जोन्स ने तत्कालीन भारतीय कोच जॉन राइट से संपर्क किया था. जोन्स चाहते थे कि सचिन तेंदुलकर जैसे भारतीय स्टार उनकी टीम का हिस्सा बनें, लेकिन जॉन राइट ने इस प्रस्ताव के लिए राहुल द्रविड़ का नाम सुझाया. इस अनूठे ऑफर को द्रविड़ ने स्वीकार किया और इसके बाद स्कॉटलैंड में उनके प्रवास की तैयारी की गई. स्कॉटलैंड में रह रहे एनआरआई समुदाय ने द्रविड़ की आवास व्यवस्था के लिए करीब 45,000 पाउंड चैरिटी के माध्यम से जुटाए, ताकि उनका ठहराव और बाकी व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके.
स्कॉटलैंड में द्रविड़ का प्रदर्शन
राहुल द्रविड़ ने स्कॉटलैंड के लिए खेले गए 12 मैचों में 66.66 की औसत से लगभग 600 रन बनाए. हालांकि, उनके पहले मैच में वे केवल 25 रन बना सके थे. उनके इस अद्वितीय सफर में स्कॉटलैंड टीम को 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके प्रदर्शन ने सभी का दिल जीत लिया. इनमें पाकिस्तान के खिलाफ एक टूर गेम भी शामिल था, जिसमें वे दुर्भाग्यवश बिना खाता खोले ही आउट हो गए थे.
राहुल द्रविड़ की यह पारी क्यों थी खास?
राहुल द्रविड़ का स्कॉटलैंड के लिए खेलना, न केवल उनके लिए बल्कि स्कॉटलैंड क्रिकेट के लिए भी एक विशेष अवसर था. यह क्रिकेट में ऐसे आदान-प्रदान की एक अनोखी मिसाल थी, जहां एक भारतीय स्टार विदेशी टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा था. स्कॉटलैंड की टीम के लिए भले ही ये जीत के लिहाज से सफल सफर नहीं था, लेकिन राहुल द्रविड़ की उपस्थिति से टीम और फैंस में जो उत्साह देखने को मिला, वह अद्भुत था. द्रविड़ न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान छोड़ चुके हैं.