घरेलू क्रिकेट के बेताज बादशाह वसीम जाफर ने कहा- ये खेल मेरे लिए नशा है, इस टीम के लिए खेलते हुए अपने करियर को खत्म करना चाहता हूं

बीते दो साल में घरेलू क्रिकेट में विदर्भ की चार खिताबी जीत (2 रणजी, 2 ईरानी कप) में अहम किरदार निभाने वाले दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर (Wasim Jaffer) का कहना है कि क्रिकेट उनके लिए एक नशा है और इसी नशे की तलाश में 40 साल की उम्र में भी इस खेल में रमे हुए हैं.

घरेलू क्रिकेट के बेताज बादशाह वसीम जाफर ने कहा- ये खेल मेरे लिए नशा है, इस टीम के लिए खेलते हुए अपने करियर को खत्म करना चाहता हूं
अनुभवी भारतीय बल्लेबाज वसीम जाफर (Photo Credits: PTI)

बीते दो साल में घरेलू क्रिकेट में विदर्भ (Vidarbha) की चार खिताबी जीत (2 रणजी, 2 ईरानी कप) में अहम किरदार निभाने वाले दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर (Wasim Jaffer) का कहना है कि क्रिकेट उनके लिए एक नशा है और इसी नशे की तलाश में 40 साल की उम्र में भी इस खेल में रमे हुए हैं. घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा (15 हजार से अधिक) रन बनाने वाले वसीम को हालांकि पता है कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है लेकिन जब तक उनके अंदर आग है, वह क्रिकेट के साथ अपना जुड़ाव जारी रखेंगे. वसीम ने इस साल रणजी ट्रॉफी में 1,037 रन बनाए और विदर्भ को रणजी ट्रॉफी का खिताब बचाए रखने में मदद की. एक समय भारतीय टेस्ट टीम का अहम हिस्सा रहे वसीम घरेलू क्रिकेट में बल्ले से लगातार रन उगलते रहे हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं कर पाने का मलाल नहीं है. वसीम मानते हैं कि किस्मत में जो होता है, वो होकर रहता है और इसी कारण वह अपने अतीत से संतुष्ट तथा वर्तमान में क्रिकेट के सुरूर के साथ जीने का लुत्फ उठा रहे हैं.

उम्र के इस पड़ाव पर भी न रुकने और प्रतिदिन प्रेरित रहने के सवाल पर जाफर ने फोन पर आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा, "मैं क्रिकेट खेलना, बल्लेबाजी करना पसंद करता हूं. इसका कारण यही है कि मैं अभी भी क्रिकेट का लुत्फ उठाता हूं. बल्लेबाजी करते हुए जो नशा होता है, उस नशे की तलाश मुझे अभी भी रहती है. मैं अभी भी सुधार करना चाहता हूं. मैं अभी भी अच्छा करना चाहता हूं." मुंबई के रहने वाले जाफर ने कहा कि विदर्भ के साथ दो खिताबी जीत ने इस खेल के साथ उनके जुड़ाव और इससे जुड़े नशे में और इजाफा किया है. जाफर ने कहा, "जब आप अच्छा खेलते हो, उसका मजा ही कुछ और है. मैं इस मजे को आसानी से छोड़ना नहीं चाहता. जब तक वो आग लगी हुई है. तब तक मैं खेलता रहूंगा. साथ ही विदर्भ के साथ जो दो सीजन गुजरे हैं, उसमें जिस तरह से हमने क्रिकेट खेली है और ट्रॉफी जीती हैं, उससे भी मेरा शौक बढ़ गया है. अगर मैं किसी और टीम के लिए खेल रहा होता और वो इस तरह से नहीं खेली होती तो शायद बात ही कुछ और होती, लेकिन आप ट्रॉफी जीतते हो और प्रदर्शन अच्छा रहता है तो वो और मजा देता है."

यह भी पढ़ें -इसलिए वसीम जाफर को कहा जा रहा है घरेलु क्रिकेट के भगवान, आज फिर किया कमाल, विपक्षी गेंदबाजों का किया बुरा हाल

अपनी बढ़ती उम्र से भलीभांति वाकिफ जाफर मानते हैं कि कभी-कभी उनके अंदर प्रेरणा की कमी लगती है, लेकिन वह रुकते नहीं हैं और अपने आप को समेटकर मैदान, जिम के अंदर पसीना बाहते हैं. बकौल जाफर, "जाहिर सी बात है कि मुझे पता है कि मेरे पास ज्यादा क्रिकेट नहीं रह गई है. कभी-कभी मोटिवेशन का इश्यू रहता है. हर बार सुबह उठ के वही मेहनत करना. जिम जाना. अभ्यास करना, तो कभी-कभी आप चाहते हो कि ये नहीं हो, लेकिन फिर भी आप अपने आप को फोर्स करते हो." अपने भविष्य को लेकर जाफर का कहना है कि अब उनकी ख्वाहिश विदर्भ के साथ ही अपने करियर का समापन करने की है और वह विदर्भ को रणजी ट्रॉफी की हैट्रिक लगाते हुए देखने की है.

जाफर ने कहा, "मैं तो कोशिश करूंगा की विदर्भ से खेलते हुए ही मेरा करियर खत्म हो और हम जीतें. मेरी और चंद्रकांत पंडित की जोड़ी बनी रहे. अगले सीजन में हम दोनों रहें और हम अपने खिताब को एक बार फिर डिफेंड कर सकें. मुझे नहीं पता कि रणजी ट्रॉफी में आखिरी बार खिताबी जीत की हैट्रिक किसने बनाई थी. मुझे पता है कि मुंबई कुछ मर्तबा दो बार जीती है. तो अब अगले सीजन के लिए खिताबी जीत की हैट्रिक लगा सकें, यही मोटिवेशन है." 1996-97 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण करने वाले जाफर ने मुंबई में साल 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम के लिए टेस्ट में पदार्पण किया. उन्होंने भारत के लिए 31 टेस्ट मैच खेले और 34.10 की औसत से 1944 रन बनाए. वेस्टइंडीज में खेली गई 212 रनों की पारी उनका टेस्ट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्कोर भी है.

यह भी पढ़ें- भारतीय कप्तान विराट कोहली से बाबर आजम की तुलना करना मेरी जल्दबाजी थी, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच मिकी आर्थर ने मानी अपनी भूल

वसीम हालांकि 2008 में टीम से बाहर कर दिए गए थे. इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाए फिर भी वह राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं कर सके. जाफर ने घरेलू क्रिकेट में 15 हजार से अधिक रन बनाए हैं. वह रणजी ट्रॉफी इतिहास के सबसे सफल बल्लेबाज हैं. इसमें उनके नाम 11,775 रन हैं. वापसी न कर पाने के सवाल पर जाफर ने कहा, "दुख तो रहता ही है. 2008 के आसपास मैं टीम से बाहर हो गया था. उसके बाद मैंने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए, लेकिन किन्हीं कारणों से मैं दोबारा टीम में आ नहीं सका. इसके लिए अब किसी को दोष देकर कोई मतलब नहीं है क्योंकि अब वो सब चीजें गुजर चुकी हैं. उस समय जो चयनकर्ता थे, जो कप्तान थे. उन्हें जो लगा वो उन्होंने किया. मैं उसके बारे में सोच के निराश नहीं होना चाहता."

वसीम ने कहा, "मुझे लगता है कि जो होता है अच्छे के लिए होता है. हर चीज का कोई कारण होता है. जो आपकी किस्मत में होता है, वो होकर रहता है. मुझे लगता है कि वो मेरी किस्मत में नहीं था अगर होना होता तो वह कहीं न कहीं से जुड़कर आ जाती. मैं इस बारे में नहीं सोचता हूं. जो होना होता है हो जाता है. किसने सोचा था कि मैं 40 की उम्र में जाकर दो रणजी ट्रॉफी, दो ईरानी कप जीतूंगा और एक सीजन में 1000 से अधिक रन बनाऊंगा. कौन नहीं चाहता कि वह भारत के लिए और न खेले लेकिन आपके या मेरे चाहने से कुछ नहीं होता. जो होता है, उसे स्वीकार करना होता है और आगे बढ़ना होता है."


संबंधित खबरें

Vidarbha Heatwave: विदर्भ में जमकर हो रही है गर्मी, नागरिक हो रहे है परेशान, कई शहरों को हीटवेव का अलर्ट

VID vs KER, Ranji Trophy Elite 2024-25 Final Day 5 Live Streaming: केरल बनाम विदर्भ रणजी ट्राफी फाइनल मुकाबला ड्रा की अग्रसर, जानिए कैसे देखें 5वें दिन का लाइव प्रसारण

Vidarbha vs Kerala, Ranji Trophy Elite 2024-25 Final Day 4 Stumps Scorecard: चौथे दिन का खेल हुआ समाप्त, करुण नायर ने जड़ा शानदार शतक, विदर्भ ने बनाया 286 रनों की बढ़त; यहां देखें चौथे दिन का स्कोरकार्ड

VID vs KER, Ranji Trophy Elite 2024-25 Final Day 4 Live Streaming: चौथे दिन से फ़ास्ट ट्रैक हो जाएगा केरल बनाम विदर्भ फाइनल मैच, जानिए कैसे देखें रणजी ट्रॉफी का लाइव प्रसारण

\