Virendra Sehwag: क्रिप्टो में आई गिरावट की तरह भारतीय टीम का भी स्तर गिर रहा है
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि टीम को कमजोर स्थिति के बाद जागने की जरूरत है. सहवाग ने ट्वीट किया, टीम का प्रदर्शन क्रिप्टो से भी तेज गिर रहा है, उसे हिलाने-डुलाने की जरूरत है.
टीम इंडिया के हालिया प्रदर्शन ने न केवल खिलाड़ियों की खराब फॉर्म को लेकर बहस छेड़ दी है, बल्कि अगर आगामी एकदिवसीय विश्व कप में मेन इन ब्लू टीम अपनी छाप छोड़ना चाहती है तो आगे बढ़ने के लिए सही ²ष्टिकोण अपनाने की जरूरत भी है.
एशिया कप से बाहर होने से लेकर आईसीसी टी20 वल्र्ड कप के सेमीफाइनल में हारने तक, टीम इंडिया ने कई स्तरों पर प्रशंसकों को निराश किया है. टीम प्रबंधन द्वारा अपनाई गई रणनीतियों ने पिछले एक साल में लगातार निराश किया है.
हाल ही में बांग्लादेश से एकदिवसीय श्रृंखला में हार से पता चलता है कि भारतीय टीम का स्तर नीचे है.
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा है कि टीम को कमजोर स्थिति के बाद जागने की जरूरत है. सहवाग ने ट्वीट किया, टीम का प्रदर्शन क्रिप्टो से भी तेज गिर रहा है, उसे हिलाने-डुलाने की जरूरत है.
इस बीच, पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने भी खेल की बदलती गतिशीलता के बीच पारंपरिक शैली के खेल का अनुसरण करने के लिए टीम की खिंचाई की थी.
प्रसाद ने ट्वीट किया, भारत दुनिया भर में इतने सारे क्षेत्रों में नवाचार कर रहा है. लेकिन जब सीमित ओवरों की क्रिकेट खेलने की बात आती है तो हमारा नजरिया एक दशक पुराना है. 2015 डब्ल्यूसी के पहले दौर से बाहर होने के बाद इंग्लैंड ने कठिन फैसला लिया और एक ऐसी रोमांचक टीम बन गई, भारत को कठिन निर्णय लेने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "²ष्टिकोण में भारी परिवर्तन करें. हमने आईपीएल शुरू होने के बाद से एक टी20 वल्र्डकप नहीं जीता है और पिछले पांच साल द्विपक्षीय जीत के अलावा वनडे में खराब रहे हैं. बहुत लंबे समय से हमने अपनी गलतियों से नहीं सीखा है और सीमित ओवरों के क्रिकेट में एक रोमांचक टीम बनना तो दूर की बात है."
इससे पहले, भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा था कि अगर टीम जीत के रास्ते पर वापस जाना चाहती है तो उसे एक समान प्लेइंग इलेवन का पालन करना होगा.
गावस्कर को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था, "एक टीम में बहुत अधिक बदलाव करना सही नहीं है, क्योंकि ऐसा नहीं है कि भारत अपने सभी मैच हार गया है.दो मैचों में, बल्लेबाज वह नहीं कर पाए जो उनसे उम्मीद की जा रही थी और यही कारण है कि भारत इस तरह की स्थिति में है. अब ²ष्टिकोण को बदलने की जरूरत है."
भारत 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से आईसीसी फाइनल नहीं जीत पाया है और अगला वनडे विश्व कप टीम को अंतिम गौरव हासिल करने का पूरा मौका देता है.
लगातार दो हार के बाद भारत और बांग्लादेश शनिवार को तीसरे वनडे में आमने-सामने होंगे. मेहमान टीम को 14 दिसंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में अपने आत्मविश्वास को आगे बढ़ाने के लिए जीत की राह पर लौटने की जरूरत है.