श्रीसंत को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत: आजीवन बैन हटाया, BCCI से सजा पर पुनर्विचार करने को कहा
श्रीसंत (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज एस श्रीसंत को बड़ी राहत देते हुए उन पर लगा आजीवन बैन अस्थायी रूप से हटा दिया है. तेज गेंदबाज पर लगे आजीवन प्रतिबंध के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा की भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को खिलाड़ियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है लेकिन श्रीसंत को मिली सजा अधिक है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि श्रीसंत की सजा पर बीसीसीआई पुनर्विचार करें. बीसीसीआई (BCCI) द्वारा लगाए गए अजीवन प्रतिबंध के खिलाफ श्रीसंत ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था.

बीसीसीआई ने अदालत में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं. कोर्ट ने श्रीसंत और बीसीसीआई दोनों से दो सप्ताह के भीतर लिखित जवाब देने को कहा है.

बीसीसीआई की तरफ से वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि खेल में भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के लिए सजा आजीवन प्रतिबंध है. त्रिपाठी ने इस मसले पर बीसीसीआई की जीरो टॉलरेंस नीति का हवाले देते हुए अदालत को बताया था कि श्रीसंत ने कभी भी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के सामने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क साधा.

बीसीसीआई ने अदालत में कहा कि श्रीसंत ने उन 10 लाख रुपये के स्रोत के बारे में भी जांच समिति को नहीं बताया, जिसका जिक्र टेलीफोन पर की गई बातचीत में किया गया है. इस पर श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा था कि यह बीसीसीआई को स्थापित करना है कि वह 10 लाख रुपये मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं.

खुर्शीद ने अदालत से कहा कि युवा क्रिकेट खिलाड़ी जो अब युवा नहीं रहा, लेकिन अभी भी उसमें क्रिकेट को लेकर जुनून बाकी है, उसके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाए. इससे पहले की सुनवाई में श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था.