कोलकाता: पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने अपने पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने वाले युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के प्रदर्शन को शानदार बताया लेकिन साथ वीरेंद्र सहवाग से उनकी तुलना करने की खबरों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि शॉ को अभी और समय देना चाहिए ताकि वह विश्व में कहीं भी रन बना सके. 18 वर्षीय शॉ ने अपने पदार्पण मौके को दोनों हाथों के लपकते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में गुरुवार को 99 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. उन्होंने 154 गेंदों पर 134 रन बनाए.
शॉ इसके साथ ही मोहम्मद अजहरुद्दीन, लाला अमरनाथ, सौरभ गांगुली, शिखर धवन, सुरेश रैना और सहवाग जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अपने पदार्पण टेस्ट में शतक बनाए थे. गांगुली ने यहां टाटा स्टील 25 किलोमीटर मैराथन लांच से इतर पत्रकारों से कहा, "उनकी तुलना सहवाग से मत कीजिए. सहवाग एक जीनियस थे. उन्हें अभी विश्व का दौरा करने दीजिए। मुझे विश्वास हैं कि वह आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में रन बनाएंगे."
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गांगुली ने कहा, "पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने के बाद उनके लिए यह एक असाधारण दिन होना चाहिए. उन्होंने रणजी के पदार्पण में भी शतक बनाया था. इसके अलावा उन्होंने दलीप ट्रॉफी में भी पदार्पण करते हुए शतक जमाया था, इसलिए यह असाधारण है."
गांगुली ने भी 199 6 में लॉर्डस में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में शतक जड़ा था. उन्होंने कहा, "मैंने रणजी ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक नहीं लगाया था. लेकिन इसके अलावा मैंने दलीप ट्रॉफी और भारत की ओर से पदार्पण मैच में शतक लगाया था."
शॉ की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा कि बल्लेबाजी के प्रति यह उनका स्वभाव और रवैया है जिसने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, "बल्लेबाजी करने के लिए यह उनकी सकारात्मकता, स्वभाव और जो रवैया है वह शानदार है. अंडर-19 विश्वकप खेलना और भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना पूरी तरह से अलग है. मैंने आज जो देखा वह आंखों को सकून देने वाला था. मुझे उम्मीद है कि वह भारत के लिए लंबे समय तक खेल सकते हैं."
गांगुली ने कहा, "यह अभी भी शुरूआती दिन है और उन्हें अभी विश्व का दौरा करना है. लेकिन उन्हें बधाई. मुझे लगता है कि आज वह बिल्कुल अद्भुत था."