द्रविड़ के बाद अब सचिन तेंदुलकर ने डॉक्टरेट की उपाधि लेने से किया इनकार, जानिए वजह
वाइस चांसलर सुरंजन दास ने बताया कि सचिन तेंदुलकर की तरफ से उन्हें एक ई-मेल प्राप्त हुआ है. इस ई-मेल में कहा गया है कि उनके लिए ये सम्मान लेना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.
नई दिल्ली: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) कई ऐसे फैसले लेते है. जिसकी जमकर तारीफ होती है और लोग उनसे प्रेरणा लेते है.ताजा मामले को जानकर आप भी मास्टर ब्लास्टर की तारीफ करेंगे. बता दें कि सचिन ने पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि देने के ऑफर को ठुकरा दिया है. यूनिवर्सिटी का वार्षिक दीक्षांत समारोह इसी साल के अंत में 24 दिसंबर को होना है. न्यूज 18 की खबर के मुताबिक दरअसल पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी अपने सालाना जलसे में उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि देना चाहती थी लेकिन सचिन ने इसे लेने से इनकार कर दिया.
वाइस चांसलर सुरंजन दास ने बताया कि सचिन तेंदुलकर की तरफ से उन्हें एक ई-मेल प्राप्त हुआ है. इस ई-मेल में कहा गया है कि उनके लिए ये सम्मान लेना नैतिक रूप से सही नहीं होगा. यह भी पढ़े-सचिन तेंदुलकर ने Eco-Friendly तरीके से किया गणपति बप्पा का विसर्जन, लोगों से की पर्यावरण स्वच्छ रखने की गुजारिश
नेटवर्क-18 से बातचीत के दौरान दास ने कहा, “सचिन तेंदुलकर वास्तव में ये कहना चाह रहे थे कि उन्होंने मेहनत कर ये डिग्री हासिल नहीं की है. ऐसे में नैतिक तौर पर ये सही नहीं होगा कि वो उन्हें दी जा रही डॉक्टरेट की डिग्री को स्वीकार करें.”
इससे पहले टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ (Rahul Gandhi) को भी पिछले साल बेंगलोर यूनिवर्सिटी ने इसी तरह की मानद डॉक्टरेट देने का प्रस्ताव दिया था जिसे उन्होंने नकार दिया था. यह भी पढ़े-सचिन तेंदुलकर पर लगा एक्ट्रेस से अफेयर का आरोप, सपोर्ट में उतरे फैंस ने ऐसे दिया जबाब
खबर है कि सचिन द्वारा इस डिग्री को लेन से इंकार करने के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) के गर्वनर केसरी नाथ त्रिपाठी ने भारतीय बॉक्सर मैरी कॉम को ये सम्मान देने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2011 में मास्टर ब्लास्टर को राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस ने भी डॉक्टरेट की उपाधि देने का निर्णय लिया था. उस वक्त भी तेंदुलकर ने डिग्री लेने से इंकार कर दिया था.