IPL Franchises Revenues: आईपीएल फ्रेंचाइजियों का मुनाफा हुआ दोगुनी, राजस्व वृद्धि में भी बड़ा उछाल
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने 2024 में फिर से साबित किया कि यह केवल खेल नहीं, बल्कि एक बड़ा व्यावसायिक मंच है. IPL फ्रेंचाइजियों की राजस्व वृद्धि में इस साल भारी उछाल देखा गया, जो पिछली बार की तुलना में दोगुनी हो गई.
IPL Franchises Revenues: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने 2024 में फिर से साबित किया कि यह केवल खेल नहीं, बल्कि एक बड़ा व्यावसायिक मंच है. IPL फ्रेंचाइजियों की राजस्व वृद्धि में इस साल भारी उछाल देखा गया, जो पिछली बार की तुलना में दोगुनी हो गई. इसका मुख्य कारण IPL के केंद्रीय राजस्व पूल में हिस्सेदारी का बढ़ना था. 2023 के सीज़न में BCCI द्वारा फ्रेंचाइजियों को 4670 करोड़ रुपये का योगदान मिला, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. यह वृद्धि सिर्फ राजस्व में नहीं, बल्कि फ्रेंचाइजियों की लाभप्रदता में भी दिखाई दी, जो पहले से काफी बेहतर रही. इससे साबित होता है कि IPL केवल खेल का मंच नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का भी एक बड़ा स्रोत बन गया है. यह भी पढ़ें: बीसीसीआई ने आईसीसी रेवेन्यू शेयर में दर्ज की रिकॉर्ड 72 फीसदी की बढ़ोतरी
इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई की वित्त वर्ष 23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 10 टीमों को सामूहिक रूप से आईपीएल 2023 के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से 4,670 करोड़ रुपये मिले, जबकि आईपीएल 2022 के लिए केंद्रीय पूल से 2,205 करोड़ रुपये का हिस्सा मिला है. IPL का केंद्रीय राजस्व पूल, जिसमें प्रसारण अधिकार, स्पॉन्सरशिप और अन्य वाणिज्यिक सौदों से मिलने वाला धन शामिल होता है, इस साल फ्रेंचाइजियों के लिए एक सोने की खान साबित हुआ है. लीग की बढ़ती लोकप्रियता और बढ़े हुए मीडिया अधिकार सौदों ने इस पूल को पहले से कहीं अधिक समृद्ध बना दिया, जिससे फ्रेंचाइजियों को बड़ी हिस्सेदारी मिली.
इससे न केवल उनके कुल राजस्व में उछाल आया, बल्कि उनके लाभ में भी बड़ा इजाफा हुआ है. जहाँ पहले IPL फ्रेंचाइजियां मुख्यतः टिकट बिक्री, मर्चेंडाइज और टीम स्पॉन्सरशिप पर निर्भर रहती थीं, अब केंद्रीय राजस्व पूल से मिली बड़ी हिस्सेदारी ने उनके वित्तीय मॉडल को और मजबूत किया है. फ्रेंचाइजियों के मालिकों का कहना है कि यह वृद्धि सिर्फ आर्थिक नहीं है, बल्कि खेल की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है. बढ़ते राजस्व ने उन्हें अपनी टीमों पर अधिक निवेश करने, खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने, और नए टैलेंट को खोजने में मदद की है.
खासकर छोटे शहरों की फ्रेंचाइजियों के लिए यह बढ़ी हुई हिस्सेदारी किसी वरदान से कम नहीं है. इससे वे अपनी टीमों को आर्थिक रूप से स्थिर बनाए रखने के साथ-साथ अपने प्रशंसकों को भी अधिक आकर्षक अनुभव देने में सक्षम हो रही हैं. IPL 2023 के बाद से फ्रेंचाइजियों का मुनाफा बढ़ना इस बात का संकेत है कि लीग न केवल एक क्रिकेट टूर्नामेंट है, बल्कि एक बड़े व्यवसाय के रूप में भी स्थापित हो चुकी है. आने वाले वर्षों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे ये फ्रेंचाइजियां अपने नए संसाधनों का उपयोग करते हुए खुद को और अधिक सशक्त बनाती हैं और लीग की सफलता में अपना योगदान देती हैं