टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे पर बड़ी ही उम्मीद के साथ गई थी लेकिन हकीकत में कुछ और ही हो गया. भारतीय खिलाडियों को बड़ी बुरी हार का सामना करना पड़ा. भारतीय धुरंधर 4-1 से सीरिज गंवा कर देश लौटे तो वहीं आलोचकों को भी टीम आर्डर को कोसने का मौका मिल गया. इंग्लैंड दौरा दर्शको को बिलकुल ही निराश कर देने वाला रहा. लेकिन कुछ गेदबाजों और बल्लेबाजों का प्रदर्शन काबिले तारीफ थी. तो वही कुछ खिलाडियों का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा. आने वाले समय में एशिया कप और वेस्ट इंडीज का दौरा है. भारत का आगामी खेल का कार्यक्रम बहुत व्यस्त भरा होगा. सबसे पहले एशिया कप होने वाला है जो की UAE में होगा. वहीं इसके कुछ दिनों बाद वेस्ट इंडीज की टीम भारत दौरे पर आएगी. इस दौरे के तहत भारत और वेस्ट इंडीज के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज होगी. जिसके बाद पांच वनडे और तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेलेगी.
भारतीय खिलाड़ियों को दोनों जगहों पर खेलने का अनुभव है ऐसे में भारत के पास जीत हासिल करने का बहुत ही सुनहरा मौका है. जिससे वह एक बार फिरअपने फैन्स का भरोसा जीत सकते है. इसमें सबसे अहम किरदार गेंदबाजों का माना जा सकता है. हालांकि भारत के पास कई ऐसे सितारें है जो भारतीय टीम को आसानी से जीत दिला सकते है. इस क्रम में देखा जाए तो सबसे पहला नाम जसप्रीत बुमराह का आता है. इसके साथ ही और भी एक से बढकर एक गेदबाज टीम में है जो की अकेले दम पर मैच का रूख बदलने की क्षमता रखते है-
जसप्रीत बुमराह -
जसप्रीत बुमराह की जितनी भी तारीफ की जाएं वह उनके लिए कम है. दाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज कभी भी मैच का पूरा रूख बदल सकता है. अगर बात करें इंग्लैंड दौरे की तो बुमराह का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा. यह गेदबाज भारतीय तेज गेंदबाजी का अगुवायी करता है. बुमराह सिमित ओवेरो में और भी खतरनाक हो जाते है. जसप्रीत बुमराह यॉर्कर के विशेषज्ञ के रूप में भी माने जाते है. बुमराह डेथ ओवरों में सटीक यॉर्कर गेंदबाजी करने में भी निपुण है. वेस्ट इंडीज के खिलाडियों को बुमराह के यार्कर से बच पाना बहुत ही मुश्किल साबित होगा.
कुलदीप यादव -
कुलदीप यादव बाएं हाथ से कलाइयों के सहारे गेंद को घूमाते है जिनके सामने बड़े-बड़े बल्लेबाजों का दम निकल जाता है. यह चायनामैन गेंदबाज भारतीय मैदानों पर किसी भी बल्लेबाज के लिए पहेली बन जाता है. इनके बोलिंग की धार इसी से लगाया जा सकता है की ये ऑस्ट्रेलिया जैसे टीम के खिलाफ हैट्रिक ले चुके है. इनकी ललचाती हुई गेंदे बल्लेबाजों को अपने तरफ खीच लाती है. जिससे बल्लेबाज इनके जाल में फंस जाता है और आउट हो जाते है.
यजुवेंद्र चहल -
वर्तमान भारतीय क्रिकेट के सीमित ओवरों में स्पिन आक्रमण की अगुवाई यजुवेंद्र चहल के कंधे पर ही है. इस युवा गेदबाज ने भारतीय चयन समिति को इतना प्रभावित किया है की इनकी वजह से आज कई दिग्गज गेदबाज टीम से बाहर है. चहल के नाम टी-ट्वेंटी मैच में 25 रन देकर 6 विकेट अपने नाम करने का कारनामा है. इस गेदबाज ने भारत को कई मौकों पर मुशीबत से बाहर निकला है. कप्तान कोहली का भी ये चहेता गेदबाज है.
इसके अलावा भारत के पास भुनेश्वर कुमार, मोहम्मद शम्मी, रविन्द्र जडेजा, रविचन्द्र अश्विन जैसे विश्वस्तरीय गेदबाज है. जो मौका मिलने पर किसी भी टीम को धराशायी कर सकते है.