Ind vs Eng: इन 5 बड़ी गलतियों की वजह से सीरीज हारी टीम इंडिया
इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी तो विफल रही ही साथ ही टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों को लेकर भी कई ऐसे फैसले लिए जिसने अंतिम परिणाम को प्रभावित किया
टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे का आज आखिरी दिन है. अंतिम टेस्ट के पांचवे दिन भी टीम इंडिया मुश्किल स्थिति में हैं. चौथी पारी में तीन विकेट के नुकसान पर 58 रन बना लिए हैं. टीम 464 रनों का पीछा कर रही हैं. इस मैच में भी टीम की जीत लगभग असंभव ही नजर आ रही है. ड्रा करने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती हैं. इंग्लैंड द्वारा दिए गए पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए मेहमान टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को एक के निजी स्कोर पर आउट करके भारत को पहला झटका दिया.
इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी तो विफल रही ही साथ ही टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों को लेकर भी कई ऐसे फैसले लिए जिसने अंतिम परिणाम को प्रभावित किया. आइये नजर डाल लेते हैं टीम इंडिया द्वारा सिलेक्शन में किए गए ब्लंडर्स पर.
लॉर्ड्स में कुलदीप यादव को मौका देना:
लॉर्ड्स टेस्ट की पिच मैच शुरू होने से पहले ड्राई नजर आ रही थी मगर मैच शुरू होने से पहले लंदन में बारिश हुई. पहले दिन लॉर्ड्स में एक भी गेंद नहीं डाली गई और टॉस भी दूसरे दिन ही हुआ. वहां दूसरे दिन ओवरकास्ट कंडीशन का अनुमान लगाया गया था मगर टीम इंडिया में तेज गेंदबाज की जगह कुलदीप यादव का चुनाव किया. कुलदीप यादव ने पहली पारी में 9 ओवर में 44 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया. इस मैच में इंग्लैंड ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी ही नहीं की. भारत ये मैच पारी और 159 रनों से हार गया.
घायल अश्विन को चौथे टेस्ट में खिलाना:
आर अश्विन टीम इंडिया के बिना किसी शक के सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाज हैं, मगर चौथे टेस्ट में वह पूरी तरह फिट नहीं थे. वैसे इस बात का अंदाजा तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में ही हो गया था मगर फिर भी टीम मैनेजमेंट में उन्हें चौथे टेस्ट में खिलाया मगर चोटिल अश्विन अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाए और टीम इंडिया टेस्ट मैच हार गया.
जड़ेजा को 4 मैचों में नहीं खिलाना:
टीम इंडिया ने जड़ेजा को आखिरी टेस्ट मैच में खिलाया. यदि उन्हें पहले भी खिलाया जाता तो शायद सीरीज का नतीजा अलग होता. पांचवे टेस्ट मैच में जड़ेजा ने बैट और बॉल दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया. इंग्लैंड टीम के मैनेजमेंट ने भी इस बात को माना कि अगर जड़ेजा और मैच खेलते तो सीरीज के नतीजे अलग हो सकते थे.
धवन को इतने मौके देना:
टीम मैनेजमेंट ने शिखर धवन को पांचो मैचों में मौका दिया. वह दक्षिण अफ्रीका के बाद इंग्लैंड में भी पूरी तरह विफल रहे. उनके हालिया प्रदर्शन को देखकर यह बात तो साफ़ हो गई है कि उप महाद्वीप के बाहर तेज गेंदबाजी को खेलना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है. उनके फेल होने से मैच दर मैच भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही जिससे कोहली पर काफी प्रेशर आया.
नंबर 6 पर पार्ट-टाइम बल्लेबाज को खिलाना:
टीम मैनेजमेंट ने पहले 4 मैचों में 6 नंबर पर माहिर बल्लेबाज को नहीं खिलाने का खामियाजा भुगता. पांचवे मैच में हनुमा विहारी ने नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार अर्ध शतक जड़ा और जड़ेजा के साथ मिलकर टीम इंडिया को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. अगर पहले 4 टेस्ट मैच में ऐसा कोई स्पेशलिस्ट बल्लेबाज होता तो शायद टीम इंडिया इतने मैच नहीं हारती.