MS Dhoni Defamation Case: पूर्व आईपीएस अधिकारी ने फिर एमएस धोनी को कोर्ट में घसीटा, ₹100 करोड़ मानहानि मामले का मद्रास हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
एमएस धोनी(Photo Credit:X@IPL/)

MS Dhoni Defamation Case: चेन्नई से आई बड़ी खबर के मुताबिक, पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार के बीच चल रहा 100 करोड़ रुपये का मानहानि मामला एक बार फिर चर्चा में है. यह मामला सालों पुराना है, लेकिन अब फिर से मद्रास हाईकोर्ट में गूंज उठा है, जहां संपत कुमार ने अदालत में नई अपील दायर की है. दरअसल, संपत कुमार ने हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एमएस धोनी को इस केस में “विशेष सुविधा” दी जा रही है. उन्होंने कहा कि कानून की नजर में सभी नागरिक बराबर हैं और किसी भी सेलिब्रिटी, चाहे वो पूर्व क्रिकेट कप्तान ही क्यों न हों, को अलग व्यवहार नहीं मिलना चाहिए. दक्षिण अफ्रीका के सामने भारत ने बनाए 298 रन की चुनौतीपूर्ण स्कोर, जानिए महिला विश्व कप फाइनल में अब तक का सबसे बड़ा सफल रन चेज़

यह अपील 11 अगस्त 2025 को पारित उस आदेश को चुनौती देती है, जिसमें एकल पीठ ने धोनी का बयान रिकॉर्ड करने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त (Advocate Commissioner) की नियुक्ति की थी. संपत कुमार ने इसी आदेश को “सेलिब्रिटी ट्रीटमेंट” बताते हुए उसका विरोध किया है. इस मामले पर न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने 4 नवंबर 2025 को सुनवाई करने पर सहमति जताई है. हालांकि, अदालत ने संपत कुमार के वकील को पहले उन “आपत्तिजनक बयानों” को वापस लेने का निर्देश दिया है जो उन्होंने न्यायपालिका के खिलाफ दिए थे.

सिर्फ एक दिन पहले, न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति एम. जोथिरामन की पीठ ने संपत कुमार की एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने धोनी की मानहानि याचिका को रद्द करने की मांग की थी. अदालत ने कहा कि संपत कुमार की दलीलों में कोई ठोस आधार नहीं है और यह याचिका सिर्फ मुकदमे में देरी का तरीका प्रतीत होती है.

क्या हैं पूरा मामला

संपत कुमार 2013 में तमिलनाडु के ‘क्यू’ ब्रांच सीआईडी (आंतरिक सुरक्षा) में अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे. उनका दावा है कि उस दौरान जब वे एक फर्जी पासपोर्ट रैकेट की जांच कर रहे थे, तब उन्हें आईपीएल सट्टेबाजी सिंडिकेट से जुड़ी जानकारियां मिलीं, जिनका कथित संबंध मैच फिक्सिंग से था. कुमार के अनुसार, उन्होंने अपनी जांच के निष्कर्ष जस्टिस मुद्गल समिति के समक्ष रखे थे, जो 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी घोटाले की जांच कर रही थी. लेकिन 2014 में एक टीवी चैनल ने उनके कथित इंटरव्यू का स्टिंग ऑपरेशन प्रसारित किया, जिसके बाद उन्हें मीडिया से बात करने के कारण निलंबित कर दिया गया.

इसी घटनाक्रम के बाद एमएस धोनी ने 2014 में जी. संपत कुमार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि मामला दर्ज कराया था. धोनी का आरोप था कि संपत कुमार ने बिना किसी ठोस सबूत के उनका नाम सट्टेबाजी और फिक्सिंग से जोड़कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है. अब, एक दशक बाद यह मामला फिर से अदालत के दरवाजे पर लौट आया है. आने वाली 4 नवंबर को मद्रास हाईकोर्ट की खंडपीठ इस विवादास्पद और लंबे समय से चले आ रहे मामले की अगली सुनवाई करेगी.