रांची में टर्फ पिच देकर महेंद्र सिंह धोनी के शुरुआती करियर में उनकी मदद करने वाले देवल सहाय इस समय बिमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि 73 साल के सहाय को शनिवार को वेंटिलेटर पर से हटा दिया गया है. सहाय को सांस लेने में तकलीफ, यूरिनरी समस्या जैसी बीमारियां हैं. 1997-98 में सेंट्रल कोलफील्डस लिमिटेड (सीसीएल) के निदेशक के तौर पर युवा धोनी को स्टाइपेंड पर रखने वाले सहाय, मंगलवार को रांची के जगन्नाथ अस्पताल में आईसीयू से वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था.
बीते कुछ दिनों में हालांकि उनमें सुधार दिखा और शुक्रवार को उनके गले में लगी वेंटीलेटर ट्यूब को कुछ घंटों के लिए हटा दिया गया. शनिवार को दाबारा वेंटीलेटर को हटा दिया गया और अब डॉक्टर उन पर निगरानी रखे हुए हैं. सहाय के बेटे अभिनव आकाश सहाय ने आईएएनएस से कहा, "अच्छी खबर यह है कि अब ( दोपहर 1:30 बजे) वेंटीलेटर हटा दिया गया है, लेकिन वो अभी भी आईसीयू में हैं."
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देवल सहाय की पत्नी मीना ने कहा, "वह लोग कुछ और घंटे उनको देखेंगे और फिर दोबारा उनकी ऑक्सीजन स्तर आदि चीजों की जांच की जाएगी. अगर सब कुछ सही रहता है तो ट्यूब पूरी तरह से हटा दिया जाएगा." उन्होंने कहा, "चिंता की कोई बात नहीं है, देवल एक योद्धा हैं और वह जल्दी वापसी करेंगे. भगवान उनकी देखभाल कर रहा है."
अभिनव ने बताया कि उनके पिता ने हाल ही में खाना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, "ऑक्सीजन स्तर कम हो गया था तो उनको सांस लेने में समस्या हो रही थी. सोडियम की कमी एक और कारण थी. शुरुआत में हमें डर लगा कहीं यह कोरोनावायरस का मामला तो नहीं है लेकिन जब टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई तो हमें राहत मिली. वह सुधार कर रहे हैं, उन्हें समय लगेगा."
सहाय ने जब धोनी को 1990 में सेल से अपनी कंपनी में लिया था तब सिर्फ मेकन, जहां धोनी के पिता काम करते थे, वहीं टर्फ पिचें थी जो सहाय ने खुद अपने मार्गदर्शन में बनावाई थीं. इसके बाद जब वह सीसीएल चले गए तो वहां उन्होंने टर्फ पिचें बनावाईं. जब धोनी सेल के लिए खेलने वाले थे तब वह उन्हें सीसीएल में ले आए जहां उनके खेल में निखार आया.
सहाय के बारे में धोनी के जीवन पर बनी फिल्म- एम.एस. धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में भी बताया गया है. सीसीएल में कई युवा क्रिकेटरों जिन्हें सहाय ने बनाया वह अपने मेंटॉर से मिलने आ रहे हैं. सहाय के काफी करीबी और सीसीएल में धोनी के पहले कप्तान अदिल हुसैन ने शनिवार को सहाय से अस्पताल में मुलाकात की.
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हुसैन ने कहा, "मैं अभी अस्पताल से लौटा हूं और मैंने सुना है कि डॉक्टर सहाय को देख रहे हैं. मैंने सुना कि एक डॉक्टर कह रहा था कि सहाय को व्यस्त रखें और उन्हें सोने न दें." उन्होंने बताया, "मेरे अलावा, मेरे और धोनी के सीसीएल के पूर्व साथी जैसे की पुष्पक लाला और संजय सिंह, रांची क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव सुनील सिंह लगातार अस्पताल जा रहे हैं."