Brand ambassador of Asian Hockey Federation: कभी बांस की खपच्चियों वाली स्टिक से खेलने वाली सलीमा बनीं एशियन हॉकी फेडरेशन की ब्रांड एंबेसडर

एशियन हॉकी फेडरेशन ने इंडियन महिला हॉकी प्लेयर सलीमा टेटे को अगले दो वर्षों के लिए एथलेटिक एंबेसडर नियुक्त किया है. उन्हें फेडरेशन ने एशिया के इमजिर्ंग प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड से भी नवाजा है. झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली सलीमा ने ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, वल्र्ड कप सहित कई इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में अपने शानदार प्रदर्शन से देश-दुनिया का दिल जीता है, लेकिन यहां तक पहुंचने का उनके सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है.

Hockey (Photo Credits: Twitter)

रांची, 24 मार्च : एशियन हॉकी फेडरेशन ने इंडियन महिला हॉकी प्लेयर सलीमा टेटे को अगले दो वर्षों के लिए एथलेटिक एंबेसडर नियुक्त किया है. उन्हें फेडरेशन ने एशिया के इमजिर्ंग प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड से भी नवाजा है. झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली सलीमा ने ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, वल्र्ड कप सहित कई इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में अपने शानदार प्रदर्शन से देश-दुनिया का दिल जीता है, लेकिन यहां तक पहुंचने का उनके सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है. उनका परिवार सिमडेगा के बड़की छापर गांव में आज भी एक कच्चे मकान में रहता है. उनके पिता सुलक्षण टेटे भी स्थानीय स्तर पर हॉकी खेलते रहे हैं. उनकी बेटी सलीमा ने जब गांव के मैदान में हॉकी खेलना शुरू किया था, तब उनके पास एक अदद हॉकी स्टिक भी नहीं थी. वह बांस की खपच्ची से बने स्टिक से खेलती थीं. नवंबर 2013 में सलीमा को झारखंड सरकार की ओर से सिमडेगा में चलाए जाने वाले आवासीय हॉकी सेंटर चुना गया और उसी वर्ष दिसंबर के अंतिम सप्ताह में रांची में आयोजित राष्ट्रीय विद्यालय हॉकी प्रतियोगिता के लिए झारखंड टीम में चुनी गईं.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका सफर 2016 में शुरू हुआ, जब उन्हें जूनियर भारतीय महिला टीम के लिए चुना गया. इसके बाद टोक्यो ओलंपिक,विश्व कप, कॉमनवेल्थ गेम्स सहित कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिताओं में उन्होंने देश की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया. टोक्यो ओलंपिक में उनके खेल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी. टोक्यो ओलंपिक में जब भारतीय महिला ह़ॉकी टीम क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेल रही थी, तब इस टीम में शामिल सलीमा टेटे के पैतृक घर में एक अदद टीवी तक नहीं था कि उनके घरवाले उन्हें खेलते हुए देख सकें. इसकी जानकारी जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हुई तो तत्काल उनके घर में 43 इंच का स्मार्ट टीवी और इन्वर्टर लगवाया गया था. यह भी पढ़ें: AFG vs PAK 1st T20I 2023: अफगानिस्तान ने टी20 में पहली बार पाकिस्तान को हराकर रचा इतिहास

सलीमा के हॉकी के सपनों को पूरा करने के लिए उनकी बड़ी बहन अनिमा ने बेंगलुरू से लेकर सिमडेगा तक दूसरों के घरों में बर्तन मांजने का काम किया. वह भी तब, जब अनिमा खुद एक बेहतरीन हॉकी प्लेयर थीं. उन्होंने अपनी बहनों के लिए पैसे जुटाने में अपना करियर कुर्बान कर दिया. अनिमा और सलीमा की बहन महीमा टेटे भी झारखंड की जूनियर महिला हॉकी टीम में खेलती हैं. कोरिया के मुंगयोंग शहर में एशियन हॉकी फेडरेशन की कांफ्रेंस में इमजिर्ंग प्लेयर ऑफ द ईयर के अवार्ड पाने और फेडरेशन का ब्रांड एंबेसडर चुने जाने के बाद सलीमा ने आईएएनएस से कहा कि मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं. एशिया के एथलीटों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

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