2023 Men’s FIH Hockey World Cup: टोक्यो ओलंपिक, सीडब्ल्यूजी, अब विश्व कप के लिए भारत पूरी तरह तैयार
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ( Photo Credit: Twitter)

मुंबई, 8 जनवरी : 2021 में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक का हासिल करने के लिए 41 साल का सूखा समाप्त किया. उनके सामने अब और लंबे सूखे को समाप्त करने का मौका है-- पुरुष हॉकी विश्व कप, जिसके लिए भारत को 47 साल का इंतजार है. अधिक शर्मनाक बात ये है कि 1975 में पुरुषों के विश्व कप में अपना पहला स्वर्ण जीतने के बाद से, भारत एक बार भी सेमीफाइनल में नहीं पहुंचा, भले ही कुआलालंपुर में उस जीत के पांच साल बाद, भारत ने मास्को के ओलंपिक खेलों में 1980 में अपना आखिरी स्वर्ण पदक जीता था.

विश्व कप पदक की ओर बढ़ने की प्रतीक्षा के साथ, आठ बार के ओलंपिक स्वर्ण विजेता अपने हालिया पुनरुत्थान को जारी रखने और विश्व कप में अपने दूसरे पदक का दावा करने के लिए अत्यधिक दबाव में हैं. 13 से 29 जनवरी, 2023 तक चौथी बार पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी करने वाले देश के साथ, उम्मीदें बढ़ती जा रही है और प्रत्येक बीतते दिन के साथ और बढ़ रही हैं. प्रशंसकों को उम्मीद है कि टोक्यो में ओलंपिक के सूखे को खत्म करने वाली ग्राहम रीड की टीम विश्व कप में भी ऐसा ही करेगी. यह भी पढ़ें :SA20: एमआई केप टाउन कप्तान राशिद खान बोले, मुझ पर कोई दबाव नहीं

पिछले कुछ वर्षों में टीम के कुछ अच्छे प्रदर्शन और ठोस तैयारियों ने उम्मीद बढ़ाई है. भारतीय टीम ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और फिर राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक अपने नाम किया. यह अंतिम एफआईएच प्रो लीग में तीसरे स्थान पर रही और ऑस्ट्रेलिया (डब्ल्यूसीजी फाइनल और द्विपक्षीय श्रृंखला), जकार्ता में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के खिलाफ कुछ बाधाओं को छोड़कर, ग्राहम रीड की टीम की तैयारी काफी अच्छी रही है और कई उम्मीदें जगाती है.

कोच ने हाल ही में कहा, मैं विश्व कप में पोडियम पर जगह बनाने के उच्च दांव को समझता हूं. जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए, मुझे उम्मीद है कि भारतीय टीम अपने खेल के शीर्ष पर प्रदर्शन करेगी. हॉकी इंडिया ने कुछ सप्ताह पहले ड्रैग फ्लिकरों और गोलकीपरों के लिए एक विशेष शिविर का आयोजन किया था और 18 सदस्यीय टीम 13 जनवरी को स्पेन के साथ अपने शुरुआती मुकाबले से पहले परिस्थितियों से अभ्यस्त होने के लिए काफी पहले राउरकेला चली गई थी.

कप्तान हरमनप्रीत ने कुछ दिन पहले कहा था, 'उम्मीद और उत्साह समान मात्रा में है. जैसे ही टीम की बस ने राउरकेला शहर में प्रवेश किया. वहां हजारों प्रशंसक थे जो तिरंगे झंडों के साथ सड़कों पर उमड़ पड़े और हमारा स्वागत करते हुए उत्साहवर्धन किया. हम ऐसा देखकर चकित रह गए और तब जाकर हमें अहसास हुआ कि हॉकी इस क्षेत्र के लोगों के लिए कितनी मायने रखती है. मुख्य कोच रीड के संरक्षण में, टीम ने बहुत सुधार किया है और बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम, और रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता अर्जेंटीना के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में जीत दर्ज की है जिसमें अगस्त 2022 में बर्मिघम में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतना भी शामिल है.

हाल ही में भारतीय पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञों के लिए एक विशेष शिविर आयोजित करने वाले डच ड्रैग-फ्लिक विशेषज्ञ ब्रेम लोमन्स ने कहा कि अगर भारतीय खिलाड़ी भारी दबाव का सामना करने में सफल रहते हैं तो टीम खिताब जीत सकती है. कुल मिलाकर 16 टीमें - ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम, चिली, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और वेल्स मेगा इवेंट में प्रतिस्पर्धा करेगी. प्रारंभिक चरण के लिए टीमों को चार-चार टीमों के चार समूहों में विभाजित किया गया है, जिसमें समूह में एक राउंड-रॉबिन प्रतियोगिता शामिल है.

एफआईएच विश्व रैंकिंग में 5वें स्थान पर काबिज भारत को इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स के साथ प्रारंभिक चरण के लिए ग्रुप डी में रखा गया है. मेजबान टीम 13 जनवरी को राउरकेला के बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में स्पेन के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी. जहां स्थानीय प्रशंसकों की निगाहें भारतीय टीम पर होंगी, वहीं विशेषज्ञों ने गत चैम्पियन बेल्जियम और विश्व नंबर 1 ऑस्ट्रेलिया पर अपना दांव लगाया है.