आजादी से चार दशक पहले  1907 में पहली दफा किसी विदेशी सरजमीं पर भारतीय ध्वज फहराने वालीं,साहस एवं निर्भीकता की प्रतीक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मैडम भीकाजी कामा की पुण्यतिथि पर उन्हें शत्-शत् नमन

साल 1907 में जर्मनी के शहर स्टुटगार्ट में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा था. इस कांग्रेस में हिस्सा ले रहे सभी लोगों के देशों का झंडा लगा हुआ था. लेकिन भारत के लिए ब्रिटिश झंडा था. मैडम कामा को यह स्वीकार नहीं था. उन्होने एक नया झंडा बनाया और सभा में फहराया. झंडा फहराते हुए भीकाजी कामा ने कहा कि ये भारत का झंडा है जो भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है.

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