गुजरात हाई कोर्ट ने बुधवार, 28 फरवरी को गांधीनगर में गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (GNLU) में बलात्कार, छेड़छाड़, भेदभाव, समलैंगिकता और पक्षपात की घटनाओं पर आश्चर्य व्यक्त किया. इन घटनाओं का खुलासा एक तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट से हुआ. मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की हाई कोर्ट बेंच ने जीएनएलयू प्रशासन को उसके पहले के दावों के लिए फटकार लगाई कि लॉ स्कूल में कुछ भी नहीं हुआ था. सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट की सामग्री की जांच करने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "यह रिपोर्ट वास्तव में डरावनी है."

पिछले साल अहमदाबाद मिरर में जीएनएलयू में एक छात्रा के साथ बलात्कार और एक अन्य समलैंगिक छात्रा के उत्पीड़न के आरोपों के बाद हाई कोर्ट द्वारा शुरू की गई स्वत: संज्ञान जनहित याचिका (पीआईएल) में एक आदेश के आधार पर समिति का पुनर्गठन किया गया था. आज, कोर्ट ने अपने निष्कर्षों में स्पष्टता दिखाने और "जबरदस्त काम" करने के लिए समिति की सराहना की.

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