सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को उस याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें राज्य में हलाल-प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने हजरतगंज पुलिस स्टेशन और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के माध्यम से गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश से दो सप्ताह में जवाब मांगा. जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र और हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दो याचिकाएं दायर की गईं थीं.

लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की 18 नवंबर की अधिसूचना और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है. याचिकाओं में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 18 नवंबर को "हलाल-प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और वितरण" पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी.

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