Stop Pooja-Archana During Court Programs: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका ने अदालती कार्यक्रमों के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों से बचने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कानूनी पेशेवरों को डा. बाबासाहेब अंबेडकर की मानसिकता को अपनाना चाहिए. हमें न्यायपालिका से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में पूजा-अर्चना की बजाय, संविधान को नमन कर उसकी प्रस्तावना रखनी चाहिए. दरअसल, 4 मार्च को जस्टिस अभय एस ओका को पुणे जिला अदालत की नई इमारतों के उद्घाटन समारोह में बुलाया गया था. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज भूषण आर गवई और अभय ओका ने सभा को संबोधित किया था. अपने संबोधन में जस्टिस अभय एस ओका ने संविधान के प्रति श्रद्धा रखते हुए कार्य करने के महत्व पर जोर दिया.

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