Albino Spectacled Cobra: देवभूमि उत्तराखंड में मिला दुर्लभ अल्बिनो स्पेक्टाकल्ड कोबरा, हलद्वानी में देखे गए 4 नाग

उत्तराखंड में पहली बार एक बेहद दुर्लभ अल्बिनो स्पेक्टाकल्ड कोबरा देखा गया है. इनमें से चार नाग नैनीताल जिले के हल्द्वानी में देखे गए थे. विशेषज्ञों और अधिकारियों के अनुसार, अल्बिनो कोबरा दुनिया के 10 सबसे दुर्लभ अल्बिनो प्रजाति में से एक है. अल्बिनिज्म आनुवांशिक रूप से विरासत में मिली स्थिति है. आम तौर पर अल्बिनो अपने गुलाबी-पीले शरीर के रंग और आंखों की लालिमा से पहचाने जाते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Albino Spectacled Cobra Snake:  उत्तराखंड (Uttarakhand) में पहली बार एक बेहद दुर्लभ अल्बिनो स्पेक्टाकल्ड कोबरा (Albino spectacled cobra) देखा गया है. इनमें से चार नाग नैनीताल जिले (Nainital) के हल्द्वानी (Haldwani) में देखे गए थे. विशेषज्ञों और अधिकारियों के अनुसार, अल्बिनो कोबरा दुनिया के 10 सबसे दुर्लभ अल्बिनो (Albino) प्रजाति में से एक है. उत्तराखंड में जानवरों की खोज करने वाले टीम के सदस्यों और उत्तराखंड के मुख्य संरक्षक में से एक पीएम धकाते मे कहा कि हमारी पूरी कोशिश राज्य भर में वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए है. हम इस तरह के उपहारों को पाकर बहुत खुश हैं. एक स्पेक्ट्रम कोबरा अंतिम बार भारत के मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में वर्ष 2018 में पाया गया था. हालांकि सांपों में अल्बिनिज्म के आंकड़े दुर्लभ हैं. अल्बिनिज्म आनुवांशिक रूप से विरासत में मिली स्थिति है. आमतौर पर अल्बिनो अपने गुलाबी-पीले शरीर के रंग और आंखों की लालिमा से पहचाने जाते हैं.

सांप और अन्य सरीसृपों की बात करें तो उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के जीव हैं, लेकिन उत्तराखंड में अल्बिनो स्पेक्टाकल्ड कोबरा का देखा जाना एक दुर्लभ घटना मानी जा रही है. पहले उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में ह्यूमन-स्नेक संघर्ष हॉटस्पॉट की मैपिंग करेगा. राज्य वन विभाग क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के सांपों के बारे में अधिक जानने के लिए तीन साल लंबी परियोजना का आयोजन किया जाएगा. यह भी पढ़ें: ITBP के जवानों ने घायल King Cobra की इस तरह बचाई जान, देखें वीडियो

विभाग का लक्ष्य राज्य के 250 गांवों से 750 स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करना है, जिन्हें मानव-सांप संघर्ष के दृष्टिकोण से उच्च जोखिम वाला माना जाता है. परियोजना के हिस्से के रूप में वन विभाग द्वारा प्रत्येक उच्च जोखिम वाले गांव के तीन लोगों को सांप के बचाव और पुनर्वास प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया जाएगा. दरअसल, राज्य में मानसून की शुरुआत के साथ सांप अक्सर रिहायशी इलाकों में देखे जाते हैं. सितंबर के पहले सप्ताह में वन विभाग के अधिकारियों ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी क्षेत्र से छह कोबरा सहित 12 सांपों को बचाया था.

Share Now

\