Fact Check: क्या कोरोना के चलते केंद्र सरकार कर्मचारियों के LTC, लीव एनकैशमेंट, ओटीए, मेडिकल सुविधाओं में करेगा कटौती, जानें खबर की पूरी सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हिन्दुस्तान अखबार के रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना वायरस के संकट के चलते केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को एलटीसी/लीव एनकैशमेंट/ ओटीए/ मेडिकल जैसी सुविधाओं में कटौती का सामना करना पड़ेगा. लेकिन पीआईबी की तरफ से किए गए फैक्ट चेक में इन सब बातों को झूठा करार देते हुए रिपोर्ट को गलत अरु निराधार बताया है.
नई दिल्ली: देश में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर जहां लोग परेशान है कि यह महामारी कैसे खत्म होगी. ताकि लोगों के काम काज एक बार फिर से पटरी पर आ सके. लेकिन इस संकट के बीच सोशल मीडिया (Social Media) पर तरह- तरह की फर्जी खबरें वायरल हो रही है. जहां अभी पिछले हफ्ते ही वायरल खबर में दावा किया गया था कि भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने वाली है. वहीं अब सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि केंद्र सरकार (Central Govt) केंन्द्रीय कर्मचारियों के एलटीसी, लीव एनकैशमेंट, ओटीए, मेडिकल सुविधाओं में कटौती करने जा रही है. हालांकि पीआईबी (PIB) ने अपने फैक्ट चेक में इस खबर को फर्जी और महज अफवाह बताया है.
सोशल मीडिया पर वायरल यह खबर हिन्दुस्तान अखबार की तरफ से दावा किया गया है कि देश में कोरोना वायरस के संकट के चलते केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को एलटीसी/लीव एनकैशमेंट/ ओटीए/ मेडिकल जैसी सुविधाओं में कटौती का सामना करना पड़ेगा. लेकिन पीआईबी की तरफ से किए गए फैक्ट चेक में इन सब बातों को झूठा करार देते हुए रिपोर्ट को गलत और निराधार बताया गया है. यह भी पढ़े: Fact Check: लॉकडाउन के कारण रेल मंत्रालय करेगा 13 लाख कर्मचारियों की सैलरी में कटौती? जानें सच्चाई
बता दें कि सोशल मीडिया पर इस तरह से पहली बार इस तरह की फर्जी खबरे वायरल नहीं हुई है. इसके पहले इस महीने में सोशल मीडिया पर खबर वायरल हुई थी कि लॉकडाउन के चलते रेल मंत्रालय (Railway Ministry) 13 लाख से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करने की योजना बना रहा है. उस खबर को भी प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने झूठा करार दिया था.
Fact check
कोरोना वायरस के चलते केंद्र सरकार कर्मचारियों के एलटीसी,लीव ,एनकैशमेंट, ओटीए, मेडिकल में कटौती करने वाली है. हिन्दुस्तान अखबार के रिपोर्ट की अनुसार दावा किया गया है
यह दावा पूरी तरह झूठ है. प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की तरफ से गलत बताया गया है.