पाकिस्तान (Pakistan) का नाम बदलने के लिए वहां के लोगों ने अब अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई है. अधिकारियों ने भी आश्वासन दिया है कि अब पाकिस्तान का नाम बदला जाएगा. जी हां, इस खबर को पढ़ने के बाद आपको आश्चर्य जरूर हो रहा होगा, परंतु यह एक सौ प्रतिशत सही है. देश के पड़ोसी देश पाकिस्तान के अलावा बिहार (Bihar) के पूर्णिया जिले में भी एक पाकिस्तान बसता है, जहां के लोगों ने अब अपने गांव (टोला) के पाकिस्तान नाम को बदलकर बिरसा नगर करने की मांग उठाई है. ग्रामीणों का कहना है कि पाकिस्तान नाम होने के कारण उनको शर्मिंदा होना पड़ता है. पूर्णिया (Purnea) जिले के श्रीनगर ब्लॉक में सिंधिया ग्राम पंचायत के पाकिस्तान गांव के लोगों ने गांव का नाम बदलने के लिए बुधवार को जिलाधिकारी के नाम का एक सामूहिक आवेदन पत्र अंचलाधिकारी (बीडीओ) को सौंपा है.
पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने गुरुवार को आईएएनएस से कहा कि उनके पास अभी तक आवेदनपत्र नहीं आया है परंतु अगर ऐसा है तो प्रक्रिया के मुताबिक गांव का नाम बदलने की पहल की जाएगी. ग्रामीणों का कहना है कि गांव का पाकिस्तन नाम होने के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि गांव का नाम पाकिस्तान होने के कारण बेटे, बेटियों की शादियां भी तय करने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
पूर्णिया जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर इस गांव में सिर्फ आदिवासी समुदाय के ही लोग रहते हैं. यहां के लोगों ने पाकिस्तान गांव का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर गांव का नाम बिरसा नगर करने का फैसला किया है. श्रीनगर के बीडीओ नंदन कुमार ने कहा कि गांव के लोगों ने एक सामूहिक आवेदन जिलाधिकारी के नाम सौंपा है, जिसमें गांव का नाम बदलने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि किसी भी जगह के नाम बदलने का फैसला उनके अधिकार क्षेत्र का नहीं है, वे यह आवेदनपत्र जिलाधिकारी कार्यालय भेज रहे हैं. यह भी पढ़ें- बिहार: नक्सली के नाम पर लेवी वसूलने वाला गिरफ्तार, पुलिस ने 1.98 लाख रुपये किए बरामद.
आवेदन पत्र में ग्रामीणों ने लिखा है कि आए दिन पाकिस्तान का भारत में आतंकवाद फैलाना और भारत के प्रति जहर उगलना अब बर्दाश्त से बाहर हो गया है. अब यहां के लोगों को पाकिस्तान के नाम से घृणा हो रही है, जिस काराण गांव के लोग सामूहिक रूप से अपने गांव का नाम बदलने का निश्चय किया है. इधर, पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा भी ग्रामीणों के इस मांग की समर्थन में उतर आए हैं. कुशवाहा कहते हैं कि गांव के लोग अगर ऐसा कह रहे हैं तो इसका समर्थन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनसे इस मामले में जितनी मदद होगी वह जरूर करेंगे.