राम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए जनवरी 2024 में खुल जाएगा: चम्पत राय
अयोध्या (Photo credit- ANI)

अयोध्या (उत्तर प्रदेश), 25 अक्टूबर : अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा करके मंदिर को श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया जाएगा. मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया, ''मुख्य मंदिर का 40 प्रतिशत और कुल मिलाकर परिसर में 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. हम निर्माण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता से संतुष्ट हैं.'' उन्होंने बताया कि मंदिर का प्रथम तल दिसम्बर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा. उसके बाद 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.

राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख साधु-संतों की प्रतिमाएं लगवाने के लिए स्थान निर्धारित करने का भी फैसला किया है. ट्रस्ट ने दीपावली के एक दिन बाद मंगलवार को मीडिया को उस जगह जाने की इजाजत दी जहां से मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जा सकता है. भ्रमण के दौरान संवाददाताओं को उस स्थान पर भी ले जाया गया जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शनिवार को मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया था. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नौ नवम्बर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाये जाने के बाद विवादित रहे परिसर में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. यह भी पढ़ें : Chhattisgarh: थाना प्रभारी की गुंडा गर्दी, जनजातीय क्रूरता मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध पर पुलिस वाले को लोगों के सामने चप्पल से पीटा- Video

योजना के मुताबिक राम मंदिर परिसर में 70 एकड़ क्षेत्र के अंदर वाल्मीकि, केवट, शबरी, जटायु, सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी बनाये जाएंगे. एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग भी बनाया जा रहा है, जिसमें मंदिर का क्षेत्रफल और उसके प्रांगण सहित कुल आठ एकड़ जमीन शामिल है. इसके पूर्वी भाग में बलुआ पत्थर से बना प्रवेश द्वार होगा.

राजस्थान में मकराना पहाड़ियों से लाये जा रहे सफेद संगमरमर का उपयोग मंदिर के गर्भगृह के अंदर किया जाएगा.