World mosquito Day 2024: कब और क्यों मनाते हैं विश्व मच्छर दिवस? जानें इसका इतिहास, महत्व एवं मच्छर जनित बीमारियां!
विश्व में मच्छर जनित देशों में एक भारत भी है. प्राप्त सूचना के अनुसार अनुसार भारत में मच्छरों की 4151 से ज्यादा प्रजातियां फलती-फूलती हैं. बता दें कि मच्छर संक्रामक बीमारियों का सबसे खतरा माने जाते हैं, जिनसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी एन्सेफलाइटिस और लिम्फैटिक फाइलेरिया जैसी बीमारियों को फैलाने में सक्षम होते हैं.
विश्व में मच्छर जनित देशों में एक भारत भी है. प्राप्त सूचना के अनुसार अनुसार भारत में मच्छरों की 4151 से ज्यादा प्रजातियां फलती-फूलती हैं. बता दें कि मच्छर संक्रामक बीमारियों का सबसे खतरा माने जाते हैं, जिनसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी एन्सेफलाइटिस और लिम्फैटिक फाइलेरिया जैसी बीमारियों को फैलाने में सक्षम होते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत मे प्रत्येक वर्ष लगभग 40 मिलियन से ज्यादा लोग मच्छर जनित बीमारियों से प्रभावित होते हैं, जिसमें मलेरिया पीड़ितों की संख्या सबसे ज्यादा होती है. इसलिए मच्छरों से उत्पन्न खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 20 अगस्त को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. आइये जानते हैं इस दिवस के इतिहास, महत्व एवं मच्छर जनित रोगों के बारे में...
विश्व मच्छर दिवस का इतिहास
शोधों की रिपोर्ट के मुताबिक मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी फैलती है. गौरतलब है कि 20 अगस्त 1897 के दिन ब्रिटिश चिकित्सक रोनाल्ड रॉस ने मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी. इस शोध के साथ ही मलेरिया के संक्रमण के बढ़ते क्रम पर ब्रेक लगा. उनके इस महान कार्य के लिए साल 1902 में मेडिसिन के लिए डॉक्टर रोनाल्ड रॉस को नोबेल पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया. इसके बाद से ही हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर दुनिया भर में सेहत की जांच और मेडिकल कैंप के आयोजन किये जाते हैं. यह भी पढ़ें : Chanakya Niti: लोभ, पर-निंदा और अपयश मानव को कमजोर बनाते हैं! जानें चाणक्य की इस नीति में क्या रहस्य निहित है!
इस वर्ष 2024 की थीम
विश्व मच्छर दिवस पर मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण पाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष एक विशेष थीम तैयार की जाती है, ताकि आम लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जा सके. इस वर्ष यानी 2024 में जो थीम निश्चित की गई है, उसके अनुसार ‘अधिक न्याय संगत दुनिया के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई तेज करना है.’ इसके जरिये समय पर निदान, और उपचार जटिलताओं को रोक सकता है, और कई लोगों की जान बचा सकता है.
विश्व मच्छर दिवस का महत्व
मच्छर कई बीमारियों की जड़ है. मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जिंका वायरस जैसी घातक बीमारियों का खतरा होता है. इसे देखते हुए मच्छरों के काटने अथवा उससे उत्पन्न बीमारियों के प्रति सावधानी बरतना बहुत जरूरी है, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की स्पष्ट चेतावनी है, कि इस दिशा में किंचित लापरवाही जानलेवा भी साबित हो सकती है. विश्व मच्छर दिवस पर मच्छर जनित बीमारियों से सुरक्षा के लिए लोगों से अपील की जाती है कि घर की समुचित साफ-सफाई की जाए, घर के आसपास गंदगी अथवा पानी न जमने दें. ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का ज्यादा से ज्यादा भाग ढका रहे. रात में मच्छर ना काटे, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए.
मच्छरों से संभावित बीमारियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मच्छर कई बीमारियों का प्रसार करते हैं, जो मानव के लिए कभी-कभी काफी गंभीर हो सकती है. यहां कुछ प्रमुख बीमारियों की सूची दी जा रही है.
मलेरिया: मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी द्वारा होती है, जिसे एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है. इसके मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, कंपकंपी, और कमजोरी लगना है.
डेंगू: यह बीमारी एडीज एजिप्टि (Aedes aegypti) और एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) मच्छरों के काटने से फैलती है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, एवं चकत्ते होते हैं.
चिकनगुनिया: यह भी एडीज मच्छरों से फैलती है. इसके लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द, और चकत्ते होते हैं.
जीका वायरस: एडीज मच्छरों से उत्पन्न यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ा खतरनाक होता है. यह शिशु में जन्मजात दोषों का कारण बन सकता है. इसके लक्षणों में बुखार, लाल आंखें, और चकत्ते हो सकते हैं.
लाइफ-थ्रेटनिंग वेस्ट नाइल वायरस: यह वायरस क्यूलेक्स मच्छरों से फैलता है. इसके लक्षण अमूमन हल्के होते हैं, लेकिन कभी-कभी गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या भी पैदा कर सकते हैं.