Vastu & Ishan Kon: घर के ईशान कोण के ये वास्तु दोष आपको बर्बाद कर सकते हैं! जानें ऐसे कुछ महत्वपूर्ण दोषों के बारे में!

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे पवित्र दिशा माना जाता है. यह दिशा जल तत्व की होना बताया जाता है, और इस स्थान को भगवान के मंदिर के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसलिए बिल्डर निर्माता इस स्थान के लिए खुली जगह चुनते हैं, जहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार बना रहता है.

   वास्तु शास्त्र में ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे पवित्र दिशा माना जाता है. यह दिशा जल तत्व की होना बताया जाता है, और इस स्थान को भगवान के मंदिर के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसलिए बिल्डर निर्माता इस स्थान के लिए खुली जगह चुनते हैं, जहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार बना रहता है. अगर किसी घर का ईशान कोण दोष पूर्ण हो तो इसका असर घर में रहने वाले हर व्यक्ति की नहीं बल्कि यहां तक कि घर के संपूर्ण वातावरण को प्रभावित कर सकता है. इसलिए ईशान कोण के वास्तु दोषों के बारे में जानना आपके लिए आवश्यक है. आइये जानते हैं ईशान कोण के कुछ वास्तु दोषों एवं उसके निवारण के बारे में...

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) वास्तु शास्त्र में सबसे पवित्र और शक्तिशाली दिशा मानी जाती है। यह दिशा जल तत्व की होती है और इसे भगवान का स्थान भी माना जाता है। इसलिए इस दिशा में शुद्धताखुलापन और सकारात्मक ऊर्जा का होना अत्यंत आवश्यक है। अगर ईशान कोण में वास्तु दोष होते हैंतो ये व्यक्ति के जीवन में मानसिकशारीरिकआर्थिक और आध्यात्मिक समस्याएं ला सकते हैं। यह भी पढ़े : Karwa Chauth Moon Time 2025: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में कब निकलेगा चांद? करवा चौथ पर महिलाएं कर रहीं इंतजार, जानें अपने शहर का चंद्रोदय समय

ईशान कोण के मुख्य वास्तु दोष और उनसे संभावित नुकसान

भारी वस्तुएं या निर्माणः उदाहरण के लिए इस दिशा में टॉयलेटसीढ़ियांस्टोर रूमटैंकया भारी मशीनरी का रखा जाना. ऐसा होने से आपके करियर में रुकावट आ सकती हैं. कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने में दुविधाएं उत्पन्न होंगी, और आध्यात्मिक बाधाएं आती हैं.

टॉयलेट या सेप्टिक टैंकः ईशान कोण में टॉयलेट या सेप्टिक टैंक होने से घर में आये दिन झगड़े-विवाद होते हैं, आर्थिक नुकसान और सेहत संबंधी नुकसान हो सकते हैं.

ईशान कोण का ऊंचा या बंद होनाः ईशान कोण को खुला अथवा सामान्य स्तर से नीचे रखना चाहिए. अगर यह ऊंचा या बंद होगातो यह ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकता है. ऐसी स्थिति में आपका मन पूजा-पाठ आदि से उचट सकता है, बड़ों के साथ बहसबाजी अथवा उनकी बातों को नजरअंदाज करेंगे. मन में एकाग्रता की कमी होगी.  

कचरे का डिब्बा अथवा गंदगी जमा होनाः वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को ईश्वर की जगह बताया गया है, इसलिए इस स्थान पर गंदगी अथवा, कचरे का डिब्बा या अनुपयोगी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए. ऐसी स्थिति में आर्थिक संकट, बनते काम बिगड़ने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं, जो आपको बर्बाद कर सकती है.

रसोई या ज्वलनशील पदार्थः ईशान कोण में किचन, गैस का चूल्हा या अग्नि नहीं रखा जाना चाहिए. ऐसा करने से घर में निरंतर आर्थिक नुकसान, तनाव, अनावश्यक क्रोध और घर के बड़े-बजुर्गों की सेहत पर विपरीत असर पड़ सकता है.

बंद खिड़कियां या वेंटिलेशन का अभावः ईशान कोण में खुली खिड़कियांरोशनी और ताजगी जरूरी है. ऐसा नहीं होने से जीवन में अवसाद, सुस्ती और नकारात्मकता आती है.

समाधान

ईशान कोण की जगह को हमेशा साफहल्का और खुला रखना चाहिए. इस दिशा में पूजा कक्षछोटा फव्वारा या पानी से भरा कलश रखें. अगर ईशान कोण में टॉयलेट या भारी वस्तु रखा हैतो वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेकर वहां पीतल के पिरामिड, वास्तु मिरर, समुद्री नमक या वास्तु नमक से सफाई करें. दीवार पर भगवान शिवसूर्य अथवा श्रीयंत्र की स्थापना करें. दीवारों का रंग सफेदक्रीम या हल्का नीला हल्का रखें. 

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