UNICEF Warning: बच्चों को झुलसाएगी 8 गुना ज्यादा जानलेवा गर्मी! 2050 में विनाशकारी खतरों से दहल उठेगी दुनिया, यूनिसेफ की चेतावनी

2050 तक बच्चों को 2000 के मुकाबले 8 गुना ज्यादा गर्मी, 3 गुना अधिक बाढ़ और 1.7 गुना ज्यादा जंगलों में आग का सामना करना पड़ सकता है. जलवायु परिवर्तन और तकनीकी खतरों के बीच दुनिया के गरीब इलाकों में बच्चों के लिए जीवन और भी कठिन हो जाएगा.

(Photo : AI)

नई दिल्ली: 2050 तक दुनिया में बच्चों को जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी असमानताओं के कारण कई गंभीर संकटों का सामना करना पड़ सकता है. यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक नीतियों में सुधार नहीं किया गया, तो आने वाले दशकों में बच्चों के लिए हालात और खराब हो सकते हैं.

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा, "बच्चे आज जलवायु संकट और ऑनलाइन खतरों जैसे कई संकटों का सामना कर रहे हैं, जो आने वाले समय में और गंभीर हो जाएंगे. खासकर लड़कियों के लिए दशकों की प्रगति खतरे में है."

तीन बड़े खतरे

यूनिसेफ की रिपोर्ट में 2050 तक बच्चों के भविष्य को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख खतरों की पहचान की गई है.

1. जनसांख्यिकीय बदलाव

2050 तक दुनिया की आबादी 10 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें बच्चों की संख्या 2.3 अरब के आसपास बनी रहेगी. हालांकि, उनकी हिस्सेदारी वैश्विक आबादी में घटकर बहुत कम हो जाएगी.

2. जलवायु परिवर्तन

अगर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की वर्तमान प्रवृत्ति जारी रही, तो 2050 तक बच्चों को 2000 की तुलना में:

3. तकनीकी असमानता

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई तकनीकों ने प्रगति के नए द्वार खोले हैं, लेकिन ये अमीर और गरीब देशों के बीच असमानता को और बढ़ा सकते हैं.

क्या हो सकते हैं समाधान?

यूनिसेफ ने बताया कि इन खतरों से निपटने की जिम्मेदारी आज के नीति-निर्माताओं पर है.

यूनिसेफ की डिप्टी डायरेक्टर सेसिल एप्टेल ने कहा, "आज के नेताओं के पास इन समस्याओं को हल करने के साधन और अवसर हैं. अगर तुरंत कदम उठाए गए, तो बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है."

2050 में बच्चों को जलवायु और सामाजिक असमानताओं से बचाने के लिए आज ही ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

Share Now

\