फिश पेडीक्योर में बरतें ये सावधानी, हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां
फिश पेडिक्योर/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

महिलाएं सुंदर दिखने के लिए क्या-क्या नहीं करती हैं, पार्लर में हजारों रूपये खर्च कर आती है. अपने पैरों को सुंदर और एड़ियों को सॉफ्ट रखने के लिए वो फिश पेडिक्योर कराती हैं. लेकिन उन्हें ये नही पता कि वो पैसों के नुकसान के साथ अपने शरीर को भी नुकसान पहुंचा रही हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि फिश पेडिक्योर के कारण एड्स, एचआईवी, सोरायसिस, एक्जीमा एवं अन्य त्वचा रोग फैल रहे हैं. स्किन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये मछलियां खुद कई तरह के जीवाणुओं एवं बीमारियों को फैलाती है और साथ ही फिश स्पा एवं पेडिक्योर के दौरान एक व्यक्ति के संक्रमण दूसरे तक पहुंचते है. कई बार ये संक्रमण इतने सीरियस होते हैं कि पैर काटने पड़ जाते हैं. फिश पेडिक्योर में गर्रा रूफा प्रजाति की मछलियों से डेड स्किन की सफाई कराई जाती है. ये मछलियां अपने दांतों से काटकर स्किन को खा जाती हैं. जिसकी वजह से कभी- कभी खून भी निकलने लगता है. पार्लरों में ये दावा किया जाता है कि फिश स्पा और पेडिक्योर से स्किन सॉफ्ट हो जाती हैं कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है ये सब झूठ है. इन दावों को अब तक साबित नहीं किया जा सका है. रिसर्च के अनुसार इन मछलियों से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं.

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कैसे फैलता है इंफेक्शन

कई बार फिश स्पा में पानी नहीं बदला जाता है, एक मरीज के इस्तेमाल के बाद दूसरे के लिए भी वही पानी रहता है. ऐसे में, जब एचआईवी संक्रमित, एड्स पीड़ित या हेपेटाइटिस सी के मरीज स्पा में आते हैं और इसकी सेवा लेने वाले ऐसे मरीजों के जिस्म पर अगर जख्म होते हैं तो मछलियां इन जख्मों को भी कुरेद देती है. कुरेदे गए जख्म से खून का रिसाव होता है और ये खून फिश स्पा के पानी को संक्रमित कर देता है.

कौन से लोग हो सकते हैं बीमारी का शिकार

जिन लोगों को डायबिटीज और सोरोसिस है, उन्हें फिश स्पा जाने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा वो जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है. यानी जिनके शरीर के रोगों से लड़ने की

क्षमता कमजोर है या वो जो बार-बार बीमार पड़ते हैं, उन्हें फिश स्पा जाने से बचना चाहिए.

फिश पेडिक्योर और स्पा करानेवाले ग्राहकों फिश टैंक की सफाई पर ध्यान देना चाहिए, इस बात का ख्याल रखें कि टैंक का पानी बदला हुआ है या नहीं? लेकिन ऐसे बहुत से कम ही स्पा सेंटर्स है जो हर ग्राहक के बाद फिश टैंक का पानी बदलते हैं. इसलिए बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा रास्ता यही है कि आप फिश स्पा और फिश पेडिक्योर से बचें.