देवशयनी एकादशी 2018: इस वजह से अगले चार महीनें तक नहीं करें कोई शुभ काम

आज आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इस एकादशी को देवशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता है. सावन महीने के खास त्योहारों की तरह इस एकादशी का भी विशेष महत्व है.

देवशयनी एकादशी आज (Photo Credits: Facebook)

मुंबई: आज आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इस एकादशी को देवशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता है. सावन महीने के खास त्योहारों की तरह इस एकादशी का भी विशेष महत्व है. आज से चार महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं आरंभ किया जाएगा क्योकि पुराणों के मुताबिक भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में चार माह तक शयन करते हैं.

आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भक्त सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करने के बाद स्नान कर पवित्र जल का घर में छिड़काव करते है. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले वस्त्र पहनाएं. व्रत का संकल्प लें और व्रत कथा सुनें. एकादशी का शुभ मुहूर्त 22 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से 23 जुलाई शाम 4 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.

कहा जाता है आज रात अगर भगवान विष्णु का जागरण किया जाए तो विशेष लाभ मिलता है. ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी के दिन जो कोई भी भगवान विष्णु का कमल पुष्पों के साथ पूजा करता है उसे तीनों लोकों के देवताओं के पूजन का फल मिलता हैं.

बता दें कि हर साल चौबीस एकादशियाँ होती हैं. जिस साल अधिकमास या मलमास होता है तब 26 एकादशियाँ हो जाती है. देवशयनी एकादशी को ही कहीं-कहीं 'पद्मनाभा' भी कहते हैं. सूर्य के मिथुन राशि में आने पर ये एकादशी आती है. इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ माना जाता है.

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