Amarnath Yatra 2024: 1221 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना

अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है. शुक्रवार को 1221 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ

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Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है. शुक्रवार को 1221 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 4.80 लाख से ज्यादा यात्री अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं. अधिकारियों ने बताया, "1221 यात्रियों का एक और जत्था सुबह 3:28 बजे जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ.

21 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 395 तीर्थयात्रियों को लेकर उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जबकि 33 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला 826 तीर्थयात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ." गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है. भक्तों का मानना ​​है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है. यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह भी पढ़ें: शिवरात्रि पर कांवड़िये मंदिर पहुंचकर भोलेनाथ का कर रहे जलाभिषेक, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात

भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं. पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है. जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं. दूसरा मार्ग बालटाल का है. ये 14 किलोमीटर लंबा है. इस मार्ग का चयन करने वाले लोग 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं. उत्तरी कश्मीर मार्ग पर बालटाल और दक्षिण कश्मीर मार्ग पर चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. अमरनाथ यात्रा 29 जून 2024 को शुरू हुई थी. यह 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी.

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