Rashtriya Hindi Diwas 2021: क्या है हिंदी दिवस का महत्व एवं कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें हिंदी के कुछ रोचक एवं ज्ञानवर्धक तथ्य!
आज यानी 14 सितंबर के दिन देश भर में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन (चीनी) के बाद हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है.हिंदी वस्तुतः देवनागरी लिपि द्वारा एक लिखित भाषा है, जिसका उपयोग 120 से अधिक अन्य भारतीय भाषाओं द्वारा किया जाता है....
Rashtriya Hindi Diwas 2021: आज यानी 14 सितंबर के दिन देश भर में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (Rashtriya Hindi Diwas 2021) मनाया जाता है. अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन (चीनी) के बाद हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है.हिंदी वस्तुतः देवनागरी लिपि द्वारा एक लिखित भाषा है, जिसका उपयोग 120 से अधिक अन्य भारतीय भाषाओं द्वारा किया जाता है. हिंदी भाषा के इतिहास में पहले साहित्य की रचना एक फ्रांसिसी लेखक ग्रासिन द तैसी ने की थी. ब्रिटिश हुकूमत में हिंदी को 'एकता की भाषा' के रूप में जाना जाता था. अंग्रेजों के खिलाफ भारत की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, नेताओं द्वारा देश को एकजुट करने के लिए हिंदी का इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में किया जाता था. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में भारत में 25 करोड़ ऐसे लोग हैं, जो बोलचाल में अपनी मूल भाषा के साथ हिंदी का भी इस्तेमाल करते हैं. यह भी पढ़ें: Hindi Diwas 2021 Wishes: हिंदी दिवस पर ये विशेज Greetings, WhatsApp Status, HD Images के जरिए भेजकर दें शुभकामनाएं
14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को चिह्नित किया गया था. 26 जनवरी, 1950 को हिंदी देश के संविधान का अहम् हिस्सा बन गई. तत्पश्चात पहला राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को सेलीब्रेट किया गया. इसके बाद से हर वर्ष इसी दिन राष्ट्रीय हिंदी दिवस सेलीब्रेट किया जाता है. गौरतलब है कि हिंदी भाषाईयों की विश्व भर में बढ़ती संख्या को देखते हुए 10 जनवरी के दिन विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देना था.
क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय हिंदी दिवस?
ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत पर कब्जा करने के बाद अंग्रेजों ने जबरन अंग्रेजी थोपना शुरु किया. कॉलेज से लेकर कार्यालयों तक अंग्रेजी का आधिपत्य होता गया. हिंदीभाषियों के साथ उनका व्यवहार बहुत बुरा होता था. लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात गांधीजी एवं कतिपय कांग्रेसी नेताओं ने अंग्रेजी के वर्चस्व को कम करने के लिए हिंदी को वैकल्पिक भाषा के रूप में तवज्जो देने की शुरुआत की. क्योंकि कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकमात्र हिंदी ही थी, जिसे संपर्क-भाषा का दर्जा दिया जा सकता था. 1949 में इसे संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया गया. 1953 में हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. हिंदी दिवस पर यह समझाने की कोशिश की जाती थी कि जब तक हिंदी का सर्वत्र इस्तेमाल नहीं होगा, अंग्रेजी को हटाना मुश्किल होगा. सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी की बजाय हिंदी में काम करने की सलाह दी जाती थी.
हिंदी भाषा के बारे में कुछ रोचक तथ्य
* गुगल का मानना है कि इंटरनेट पर हिंदी की मांग तेजी से बढ़ रही है. यह साल दर साल अंग्रेजी कंटेंट के 19 प्रतिशत के मुकाबले 94 प्रतिशत बढ़ी है.
* विश्व में बोली जाने वाली समस्त भाषाओं में हिंदी पांचवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
* हिंदी पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में काफी संख्या में हिंदीभाषी हैं, जो हिंदी में बातचीत करते हैं.
* विदेशों में 25 से अधिक पत्र-पत्रिकाएं हिंदी में प्रकाशित हो रही हैं.
* क्या आप जानते हैं कि वर्तमान में चल रही देवनागरी लिपि 11वीं शताब्दी में पहली बार अस्तित्व में आई?
* आज भी संयुक्त राज्य अमेरिका के 45 विश्व विद्यालय सहित पूरी दुनिया के करीब 176 विश्व विद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है.
* ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 'बड़ा दिन', (बड़ा दिन) 'अचा', (अच्छा) 'बच्चा' (बच्चा) और 'सूर्य नमस्कार' (सूर्य नमस्कार) जैसे शब्द शामिल हैं. यह हिंदी के महत्व और स्वीकृति का प्रतिनिधित्व करता है.
* महादेवी वर्मा सुमित्रा नंदन पंत, मैथिली शरण गुप्त, डॉ रामकुमार वर्मा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंद दास काका कालेलकर जैसे कई महान लेखकों ने हिंदी को राजभाषा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.