Navratri Paran Muhurat 2021: महाष्टमी और नवमी व्रत का कैसे करें पारण? जानें पूजा विधि और मुहूर्त

नवरात्रि का पर्व चल रहा है, इस दौरान महासप्तमी, महाष्टमी और नवमी के दौरान पूजा होती है. ज्यादातर लोग अष्टमी के दिन का पूजन किया जाता है और नवमी के दिन कन्या भोज किया जाता है. इस बार महाष्टमी और नवमी का मुहूर्त एक ही दिन पड़ रहा है...

नवरात्रि 2021 (Photo Credits: File Image)

Navratri Paran Muhurat 2021: नवरात्रि का पर्व चल रहा है, इस दौरान महासप्तमी, महाष्टमी और नवमी के दौरान पूजा होती है. ज्यादातर लोग अष्टमी के दिन का पूजन किया जाता है और नवमी के दिन कन्या भोज किया जाता है. इस बार महाष्टमी और नवमी का मुहूर्त एक ही दिन पड़ रहा है इसलिए लोग कनफ्यूज हैं कि नवरात्रि के व्रत का पारण अष्टमी पर किया जाए या नवमी पर. वैसे तो जिन लोगों के यहां पर अष्टमी का पूजन होता है वे अष्टमी को और जिन लोगों के यहां नवमी का पूजन होता है वे नवमी को व्रत का पारण करते हैं. यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 8th Day 2021: आज होगी माँ महागौरी की पूजा! धन-प्राप्ति के साथ होती हैं सभी मनोकामनाएं पूरी!

अष्टमी तिथि मुहूर्त: यह तिथि अश्विन मास शुक्ल पक्ष अर्थात 12 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 49 मिनट 38 सेकंड से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को रात 08 बजकर 09 मिनट और 56 सेकंड पर समाप्त होगी.

नवमी तिथि मुहूर्त: यह तिथि 13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को रात 08 बजकर 09 मिनट और 56 सेकंड से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर 2021 दिन बृहस्पतिवार को शाम 06 बजकर 54 मिनट और 40 सेकंड पर समाप्त होगी. अत: नवमी का पूजन 14 अक्टूबर 2021, दिन गुरुवार को किया जाएगा.

पारण: ऐसा माना जाता है कि सप्तमी का पारण अष्टमी को, अष्टमी का नवमी को और नवमी का दशमी तिथि को किया जाता है. पारण मुहूर्त को लेकर शास्त्रों में कुछ मतभेद हैं कि पारणा नवमी को होगा या दशमी को. मिमांसा के अनुसार पारणा दशमी को करना चाहिए, क्योंकि कई शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि नवमी को उपवास रखा जाता है.

यदि आप महाष्टमी पर नवरात्रि व्रत पारण करना चाहते हैं तो सुबह प्रातः काल उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर तथा स्नान आदि करके मां महागौरी की विधि अनुसार पूजा करें तथा मां को उनका प्रिय भोग लगाएं. कन्या भोज कराने क बाद व्रत का पारण करें.

यदि आप महा नवमी तिथि पर नवरात्रि व्रत पारण कर रहें हैं तो इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें तथा उन्हें भोग लगाएं. कन्या भोज के बाद पारण करें.

Share Now

\