आज से शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्रोत्सव! शुभ मुहूर्त पर करें खरीदारी, मिलेगा लाभ! जानें कब कौन-सी वस्तुएं खरीदें.

हिंदी पंचांग के अनुसार नवरात्रि में तारीख, दिन और नक्षत्रों के शुभ संयोगों से हर दिन बहुत शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस नौ दिन की नवरात्रि में सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, द्विपुष्कर, इंद्र और रवियोग का निर्माण हो रहा है.

मां दुर्गा (File Photo)

आज 29 सितंबर दिन रविवार से शुरू हो रहा हैं सनानत धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व नवरात्रि. आज कलश स्थापना के साथ शक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना शुरू हो जायेगी. कोई प्रतिपदा एवं अष्टमी के दिन (चढती-उतरती) व्रत रखेगा तो कोई पूरे नौ दिन का व्रत रखकर मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश करेगा. इस बार नवरात्रि में कई मामलों में शुभ योग बन रहे हैं. ज्योतिषाचार्य श्री लक्ष्मीकांत के अनुसार इस नवरात्रि में ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति के कारण प्रतिपदा से लेकर नवमी तक शुभ योग हैं. कुछ शुभ मुहुर्त खरीददारी के लिए भी बन रहे हैं. माना जा रहा है कि इन शुभ मुहूर्त पर खरीदारी करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी.

तिथि के अनुरूप देखें योग संयोग

हिंदी पंचांग के अनुसार नवरात्रि में तारीख, दिन और नक्षत्रों के शुभ संयोगों से हर दिन बहुत शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस नौ दिन की नवरात्रि में सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, द्विपुष्कर, इंद्र और रवियोग का निर्माण हो रहा है. इन शुभ योगों में किसी भी प्रकार के नये कार्य आरंभ करना श्रेयस्कर होगा. इन शुभ योगों के कारण नवरात्रि के किसी भी दिन किसी भी वस्तु की खरीदारी लाभदायक ही साबित होगी.

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किस दिन कौन-सी तिथि है महत्वपूर्ण

29 सितंबर (रविवार) को प्रतिपदा तिथि को शुभ मुहूर्त 11.48 मिनट से 12.35 मिनट के मध्य कलश स्थापना होगी. 3 अक्टूबर को ललिता पंचमी का व्रत अनुष्ठान सम्पन्न होगा. हिंदू धर्म में ललिता पंचमी का विशेष महत्व बताया गया है. इसी दिन दुर्गा पंडालों में दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. 4 अक्टूबर यानी षष्ठी तिथि पर पूरे देश में विशेषकर बंगाल में दुर्गाजी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर षष्ठी की पूजा सम्पन्न होगी. कुछ हिंदू पंचांगों में तिथि क्षय का भी जिक्र है. इस वजह से 5 और 6 अक्टूबर को अष्टमी की पूजा की जाएगी एवं 6 व 7 अक्टूबर को नवमी का व्रत एवं पूजा सम्पन्न होगी.

पुराणों में उल्लेखित अष्टमी एवं नवमी के दिन 2 से 10 साल की कुंवारी कन्याओं का पूजन नवदुर्गा के रूप में किये जाने का विधान भी है. मान्यतानुसार नौ दिन उपवास रहने वाले व्रती अष्टमी अथवा नवमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने के पश्चात उन्हें उपहार देकर विदा किया जाता है. इसी अष्टमी एवं नवमी को कुलदेवी एवं विशेष पूजा का भी विधान बताया गया है.

किन वस्तुओं की खरीदारी होगी लाभकारी

नवरात्रोत्सव के प्रारंभ होने के साथ ही विभिन्न शॉपिंग सेंटर्स, मॉल्स एवं ऑन लाइन शॉपिंग में तरह-तरह के आकर्षक सेल अथवा विशेष उपहार दिये जाने के विज्ञापन देखे और पढ़े जा रहे हैं. चूंकि इस नवरात्रि में शुभ मुहूर्त में खरीददारी के योग भी निर्मित हो रहे हैं, इसलिए खरीदारी करने वाले किसी प्रकार को संकोच किये बिना खरीदारी कर सकते हैं.

जिन वस्तुओं की खरीदारी के शुभ योग बन रहे हैं, उनमें वाहन, भूमि अथवा भवन, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं, कपड़े एवं रसोई घर की उपयोगी वस्तुएं मुख्य हैं. इन वस्तुओं की खरीदारी निसंकोच होकर की जा सकती है. शक्ति का पर्व होने के कारण इन दिनों अस्त्र-शस्त्र, लोहे के औजार और ऊर्जा देने वाली वस्तुएं खरीदना शुभ बताया जा रहा है. इन योगों में वस्तुएं भविष्य के लिए लाभ के ही मार्ग प्रशस्त करेंगी.

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