National Voters Day 2022: क्यों और कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय वोटर दिवस? जानें इसका इतिहास, उद्देश्य एवं कुछ रोचक तथ्य!
हर वर्ष 25 जनवरी के दिन ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाया जाता है. इस दिवस विशेष को मनाने का मुख्य आशय यही है, कि ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनाएं. यह प्रक्रिया सुचारु रूप से चलता रहे, इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रेरणा स्वरूप पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है.
National Voters Day 2022: हर वर्ष 25 जनवरी के दिन ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाया जाता है. इस दिवस विशेष को मनाने का मुख्य आशय यही है, कि ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनाएं. यह प्रक्रिया सुचारु रूप से चलता रहे, इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रेरणा स्वरूप पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है. विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के कारण भारत में चुनाव आयोग द्वारा घोषित तिथियों पर लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव आयोजित किये जाते हैं. कभी-कभी परिस्थितिजन्य उप चुनाव भी होते हैं. चूंकि इन दिनों उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के कारण ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ की अहमियत बढ़ जाती है. आइये जानें राष्ट्रीय मतदाता दिवस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां… यह भी पढ़े: National Voters Day 2022 Wishes: नेशनल वोटर्स डे पर ये हिंदी कोट्स HD Images और GIF Greetings के जरिए भेजकर दें मतदाता दिवस की बधाई
मतदाता दिवस का इतिहास!
राष्ट्रीय मतदाता की शुरुआत 25 जनवरी 2011 को हुई थी. वास्तव में 25 जनवरी 1950 को आजाद भारत में भारत निर्वाचन आयोग का गठन हुआ था, इसलिए भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 25 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं के पंजीकरण में वृद्धि करना, युवा मतदाताओं को मतदान में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना था.
मकसद राष्ट्रीय मतदाता दिवस का?
किसी भी देश में ‘मतदाता’ की अहमियत क्या होती है, इसे इन तीन शब्दों के संयोग से समझा जा सकता है. भारत+ भाग्य+ विधाता यानी मतदाता… जी हां, किसी भी लोकतांत्रिक देश का असली विधाता उस देश का मतदाता होता है, जिसे बड़ी जिम्मेदारियों, गंभीरता एवं दूरदर्शिता का परिचय देते हुए कर्मठ एवं ईमानदार नेता को चुनकर लोकसभा अथवा विधानसभा भेजना होता है. चुनाव आयोग की कोशिश होती है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मतों का प्रयोग करें और मतदान प्रक्रिया सुचारु रूप से सम्पन्न हो. इस दिन को मनाने के पीछे दो वजहें थीं, पहली समावेशी (Inclusive) और दूसरी गुणात्मक भागीदारी (Qualitative Participation). इसका एकमात्र मकसद था कि कोई भी मतदाता मतदान करने से वंचित ना रह जाए. इसका दूसरा उद्देश्य यह था कि चुनाव आयोग इस दिन नये मतदाताओं, (जिन्होंने हाल ही में 18 वर्ष हुए किये हों) की पहचान कर उन्हें मतदाता सूची में शामिल करता है.
कैसे मनाते हैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस?
* इस दिन प्रत्येक वर्ष चुनाव आयोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस की एक थीम सुनिश्चित करता है, इसके तहत मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक एवं प्रेरित किया जाता है.
* इस दिन देश के विभिन्न संस्थाओं द्वारा एक मंच पर भाषण, प्रतियोगिता, नये वोटर आईडी कार्ड के लिए फोटोग्राफी एवं वोटर कार्ड का वितरण जैसे कार्य सम्पन्न किये जाते हैं.
भारत में कौन कर सकता है मतदान?
* भारतीय संविधान में उल्लेखित है कि भारत का हर वह नागरिक, जिसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है. वोट कर सकता है.
* जिन अप्रवासी भारतीय (NRI) के पास इंडियन पासपोर्ट होता है, उन्हें भी वोट देने का अधिकार सुनिश्चित किया गया है.
* विशेष परिस्थितियों में चुनाव आयोग घर जाकर भी मतदाता से मतदान करवा सकता है, जिसे पूरी तरह से गोपनीय रखा जाता है.