National Girl Child Day 2019: राष्ट्रीय बालिका दिवस आज, 'उज्जवल कल के लिए लड़कियों का सशक्तिकरण' है थीम

भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस मनाया जाता है. भारत में महिला एंव बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 से हर साल 24 जनवरी के दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस अभियान के जरिए भारत में लड़कियों के साथ होने वाली असमानता और भेदभाव के प्रति जन जागरुकता लाने की कोशिश की जाती है.

राष्ट्रीय बालिका दिवस 2019 (Photo Credits: Unsplash)

National Girl Child Day 2019: आज यानी 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जा रहा है. हालांकि हर साल बालिका दिवस की थीम अलग-अलग होती है. इस बेहद खास मौके पर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' (Beti Bachao Beti Padhao) की चौथी वर्षगांठ भी मनाई जा रही है. इस बार राष्ट्रीय बालिका दिवस का विषय यानी थीम 'उज्जवल कल के लिए लड़कियों का सशक्तिकरण' 'Empowering Girls for a Brighter Tomorrow' है. बालिका दिवस का उद्देश्य गिरते हुए बाल लिंग अनुपात के बारे में जागरुकता पैदा करना और बालिका के आसपास सार्थक वातावरण बनाना है. भारत में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 से हर साल 24 जनवरी के दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को नारी शक्ति (women Power) के तौर पर याद किया जाता है.

भारत में लड़कियों को नए मौके मिले और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिले, इसके लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस को एक उत्सव के तौर पर मनाने की शुरुआत की गई. दरअसल, बालिका शिशु के साथ आज भी हमारे समाज में भेदभाव एक बड़ी समस्या बनी हुई है.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस?

समाज में बालिकाओं के जीवन और स्थिति को बेहतर बनाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. हालांकि देश में लड़कियों के अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करने, एक समान शिक्षा और मौलिक आजादी का अधिकार दिलाने की बात अक्सर नेता अपने भाषणों में करते हैं, लेकिन हकीकत तो यह है कि आज भी अधिकांश महिलाएं घरेलु हिंसा, बाल-विवाह, दहेज प्रताड़ना जैसी कई यातनाओं की शिकार बन रही हैं. राष्ट्रीय बालिका दिवस के जरिए देश की तमाम बालिकाओं और महिलाओं को उनके अधिकारों और उनके लिए बने कानूनों से अवगत कराने की कोशिश की जाती है.

इस दिन 'बालिका शिशु को बचाओ' के संदेश के द्वारा और रेडियो स्टेशन, टीवी, स्थानीय और राष्ट्रीय अखबार पर सरकार द्वारा कई विज्ञापन चलाए जाते हैं. इस दिन सरकारी एनजीओ और गैर-सरकारी संस्था भी एक साथ आते हैं और बालिका शिशु को लेकर समाज में फैले सामाजिक कलंक के खिलाफ लड़ने के लिए इस उत्सव में भाग लेते हैं. यह भी पढ़ें: इस फर्जी मैसेज से रहे सावधान, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के तहत पैसे मिलने का दावा झूठा

क्या है राष्ट्रीय बालिका दिवस का मकसद ?

गौरतलब है कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय बालिका विकास मिशन के रूप में राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस मनाने की शुरुआत की, ताकि लड़कियों की उन्नति के महत्व को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाई जा सके.

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