Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर गंगा-स्नान कर पितृ-दोष से पाएं मुक्ति! ये 5 उपाय जीवन में ला सकती हैं खुशियां!
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. विशेष रूप से प्रयागराज में एक माह चलनेवाले माघ मेले का तीसरा मुख्य स्नान होता है. इस दिन गंगा-स्नान का भी विशेष महत्व है. पितृ-दोष से पीड़ित अथवा दोषित कुंडली वालों को इस दिन गंगा स्नान एवं दान करने से उसके सारे कष्ट दूर होते हैं.
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. विशेष रूप से प्रयागराज में एक माह चलनेवाले माघ मेले का तीसरा मुख्य स्नान होता है. इस दिन गंगा-स्नान का भी विशेष महत्व है. पितृ-दोष से पीड़ित अथवा दोषित कुंडली वालों को इस दिन गंगा स्नान एवं दान करने से उसके सारे कष्ट दूर होते हैं. पितृदोष की स्थिति में गंगा-स्नान के पश्चात पितृ-दोष से मुक्ति की पूजा अवश्य करनी चाहिए, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं, उनके आशीर्वाद से घर में सुख, शांति के साथ सबका स्वास्थ्य अच्छा रहता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या का स्नान एवं पूजा 9 फरवरी 2024, शुक्रवार को किया जाएगा, आइये जानते हैं, इस पर्व के महात्म्य, गंगा-स्नान एवं पूजा के शुभ मुहूर्त इत्यादि के बारे में...
मौनी अमावस्या का महात्म्य
माघ माह की अमावस्या को माघी अमावस्या अथवा मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. शास्त्रों कौ मुताबिक मौनी अमावस्या पर देवता और पितर प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम में स्नान करते हैं. कहते हैं इस दौरान ब्रह्म मुहूर्त में मौन रहकर गंगा यमुना एवं सरस्वती की त्रिवेणी (संगम) में स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होने के साथ-साथ लंबी आयु होती है एवं आरोग्य मिलता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में इस तिथि पर महर्षि मनु का जन्म हुआ था. यह भी पढ़ें : Maghi Ganpati 2024 Invitation Card Format in Marathi: माघी गणेश जयंती पर दर्शन के लिए प्रियजनों को करें आमंत्रित, शेयर करें ये मराठी ई-इनविटेशन कार्ड
हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या की मूल तिथि एवं शुभ मुहूर्त
माघ मास अमावस्या प्रारंभः 08.02 AM (09 फरवरी 2024) से
माघ मास अमावस्या समाप्तः 04.28 AM (10 फरवरी 2024) तक
इस तरह उदया तिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 09 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी.
स्नान-दान एवं पूजा का शुभ मुहूर्त
08.02 AM से 11.35 AM तक (09 फरवरी 2024)
मौनी अमावस्या पर ये कार्य अवश्य करनी चाहिए
दान-पुण्यः इस दिन पितरों के नाम से गरीबों को उनकी जरूरत के अनुसार वस्तुएं, अथवा अन्न, वस्त्र, कंबल. जूते आदि दान करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
पशु-पक्षियों को खाना-पानी देः मौनी अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान के पश्चात निरीह पशु-पक्षियों को खाना खिलाने और पानी पिलाने से भी पितर प्रसन्न होते हैं, उनके शुभाशीष से जातक के जीवन में आ रहे सारे कष्ट दूर होते हैं.
सूर्य को अर्घ्य देः मौनी अमावस्या के दिन स्नान के पश्चात तांबे के पात्र में जल भरकर इसमें फूल, रोली, तिल, अक्षत एवं गुड़ डालें और सूर्य को अर्घ्य दें, और ऊँ सूर्य देवाय नमः का जाप करें. ऐसा करना शुभ तो होता ही है, साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं
इस शक्तिशाली मंत्र का जापः मौनी अमावस्या पर स्नान के दरमियान गंगा नदी में पुष्प अर्पित करते हुए इस मंत्र का 108 जाप करने से जीवन में आ रही सारी समस्याएं खत्म होती है.
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि-
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्