Krishna Pingala Sankashti Chaturthi 2024: कब है कृष्ण पिंगल संकष्टी? जानें इस व्रत का आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व, मंत्र, मुहूर्त एवं पूजा-विधि इत्यादि!.

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कृष्ण पक्ष में जो चतुर्थियां आती हैं, उसे संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. इस तरह साल में कुल 12 संकष्टी चतुर्थी व्रत होते हैं, जिनमें से एक है कृष्ण पिंगला चतुर्थी, जिसमें गणपति बप्पा की एक विशेष स्वरूप की पूजा की जाती है.

Krishna Pingala Sankashti Chaturthi 2024 (img: file photo)

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कृष्ण पक्ष में जो चतुर्थियां आती हैं, उसे संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. इस तरह साल में कुल 12 संकष्टी चतुर्थी व्रत होते हैं, जिनमें से एक है कृष्ण पिंगला चतुर्थी, जिसमें गणपति बप्पा की एक विशेष स्वरूप की पूजा की जाती है. इस वर्ष कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत एवं पूजा 25 जून को सम्पन्न होगा. आइये जानते हैं इस दिन गणपति बप्पा के किस स्वरूप की, किस मुहूर्त एवं मंत्र तथा किस विधि से पूजा की जाती है, और गणेश भक्तों को इससे क्या लाभ मिलता है.

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी महत्व

प्रत्येक माह गणेश संकष्टी पर गणपति बप्पा की पूजा एक अलग नाम और पीठ के साथ की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वह दिन है जब भगवान शिव ने भगवान गणेश को सर्वोच्च देवता घोषित किया था, चूंकि यह चतुर्थी कृष्ण पक्ष में पड़ती है, इसलिए इसे कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से जातक के जीवन में आने वाली हर समस्या खुद-ब-खुद खत्म होती है, सभी दोषों एवं बुराइयों से मुक्ति मिलती है, और भक्तों का स्वास्थ्य एवं आय की स्थिति बेहतर होती है. यह भी पढ़े : Kabir Das Jayanti 2024 Messages: हैप्पी कबीर दास जयंती! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये हिंदी दोहे, WhatApp Wishes, Facebook Greetings और Quotes

ज्योतिषीय महत्व:

कृष्ण पिंगल संकष्टी व्रत का ज्योतिषीय महत्व भी है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी का व्रत एवं अनुष्ठान करने से कुंडली में स्थित बुरे ग्रहों से मुक्ति एवं मन में सकारात्मकता आती है.

कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी 2024 की तिथि एवं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी प्रारंभः 01.23 AM (25 जून 2024, मंगलवार) से

कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी समाप्तः 11.10 AM (26 जून 2024, बुधवार) तक

उदया तिथि के अनुसार कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी 25 जून 2024 को मनाया जाएगा.

प्रातःकाल पूजा मुहूर्तः 05.30 AM से 07.08 AM

संध्याकाल पूजा मुहूर्तः 05.36 PM से रात 08.36 PM बजे तक

चंद्रोदय रात 10.25 PM

कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी पर सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. सूर्यदेव को अर्घ्य दें. गणपति बप्पा के व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. मंदिर में भगवान श्रीगणेश जी के सामने धूप एवं दीप प्रज्वलित करें. गणपति बप्पा को पुष्प हार पहनाएं तथा दूर्वा की 21 गांठ चढाकर निम्न वैदिक मंत्र का जाप करते हुए पूजा जारी रखें.

'ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा'

अब गणेश जी को रोली, सिंदूर, जनेऊ, पान, सुपारी, दूर्वा तथा भोग में मोदक और फल आदि चढ़ाएं. पूजा की पूर्णता गणेश जी की आरती से करें. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखते हुए संध्याकाल के समय शुभ मुहूर्त के अनुरूप एक बार पुनः गणपति बप्पा की पूजा करें . रात में चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर आरती उतारें.

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