आज है 'विश्व मलेरिया दिवस', जाने क्या है कारण और लक्षण! कैसे फैलती है यह जानलेवा बीमारी!
संपूर्ण दुनिया में आज के दिन यानी 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाया जाता है. यह जानलेवा संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है. मलेरिया ग्रस्त मरीज का अगर सही समय पर उचित इलाज नहीं करवाया जाये तो यह जीवनघाती भी हो सकती है.
संपूर्ण दुनिया में आज के दिन यानी 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ (World Malaria Day) मनाया जाता है. यह जानलेवा संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर (Mosquito) के काटने से फैलती है. मलेरिया ग्रस्त मरीज का अगर सही समय पर उचित इलाज नहीं करवाया जाये तो यह जीवनघाती भी हो सकती है. वस्तुतः यह हजारों साल पुरानी बीमारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के लिए आज भी मलेरिया एक बड़ी चुनौती है.
मलेरिया के निरंतर बढ़ते प्रकोप को देखते हुए साल 2007 के मई माह में विश्व स्वास्थ्य सभा ने अपनी 60वीं वर्षगांठ पर ‘विश्व मलेरिया दिवस’ की स्थापना की. पिछले दो दशकों में मलेरिया उन्मूलन के लिए वैज्ञानिकों ने तमाम अभियान चलाए जा चुके हैं. परिणामतः मलेरिया बीमारी के आंकड़ों में तो कमी आई है, लेकिन इस पर पूरी तरह नियंत्रण आज तक नहीं रखा जा सका है.
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मलेरिया के मुख्य लक्षण
तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, खूब पसीना आना, हाथ-पैर में कंपकंपी तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा अत्यधिक कमजोरी महसूस होना मलेरिया के मुख्य लक्षण हैं. अगर इस तरह के लक्षण दिखे, तो तत्काल अपने घरेलू चिकित्सक से मिलें और इलाज शुरू करवाएं. ध्यान रहे लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है.
मलेरिया संक्रामक बीमारी है
मलेरिया संक्रमण के जरिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने वाला जीवनघाती बीमारी है. सबसे अधिक मच्छर के काटने से मलेरिया का प्रसार होता है. मलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को अगर कोई मच्छर उसे काटता है, तो इससे मच्छर संक्रमित हो जाता है. ये परजीवी जब किसी व्यक्ति को काटते हैं, तो उससे व्यक्ति विशेष का लीवर बहुत प्रभावित होता है., जहां वह लंबे समय तक निष्क्रिय रह सकते हैं. जब ये परजीवी परिपक्व होते हैं, तो वे लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं. यहीं व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण दिखने लगते हैं. इसके अलावा मलेरिया रक्त संक्रमण और दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए उपयोग की जानेवाली सुइयों से भी फैलता है, इसलिए सुई लगवाने से पहले जांच लें कि उस पर सील लगी है या नहीं.
2030 तक भारत होगा मलेरिया मुक्त
मलेरिया का समूल नाश करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2030 तक भारत को मलेरियामुक्त करने का मिशन शुरु कर दिया है. परिणामस्वरूप 2017-18 में भारत में मलेरिया के 28 फीसदी मामलों में कमी आई है. साल 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक अध्ययन के बाद बताया कि 2018 में भारत में मलेरिया के 26 लाख और युगांडा में 15 लाख मामले सामने आए, जो पिछले सालों के मुकाबले कम हैं. ये बातें उम्मीद जताती हैं कि भारत शीघ्र ही मलेरियामुक्त देश बन जायेगा
क्या कहता है यूनिसेफ़
मलेरिया के संदर्भ में यूनिसेफ का कहना है कि अफ़्रीका एवं कुछ अन्य देशों में मच्छरों से हो रही मौतों को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करने होंगे. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम करना होगा, जहां मलेरिया बड़े खतरे का रूप ले चुका है. यूनिसेफ़ के मुताबिक मलेरिया को आसानी से मात दी जा सकती हैं, बस ज़रूरत है विश्व को मलेरिया के ख़िलाफ़ एकजुट होने की.