Karwa Chauth 2022: करवा चौथ व्रत में सरगी का महत्व? जानें सरगी का मुहूर्त एवं किन 5 वस्तुओं की होती है जरूरत!
हिंदू धर्म में परिवार हित के लिए तमाम तरह के व्रतों का विधान है, लेकिन सुहागन महिलाओं द्वारा रखा जानेवाला करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. करवा चौथ का यह व्रत हिंदुस्तान से बाहर विदेशों में भी भारतीय मूल की महिलाएं रखती हैं. यह व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है...
Karwa Chauth 2022: हिंदू धर्म में परिवार हित के लिए तमाम तरह के व्रतों का विधान है, लेकिन सुहागन महिलाओं द्वारा रखा जानेवाला करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. करवा चौथ का यह व्रत हिंदुस्तान से बाहर विदेशों में भी भारतीय मूल की महिलाएं रखती हैं. यह व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर 2022 दिन गुरुवार के दिन रखा जायेगा. शास्त्रों में इस व्रत के कुछ विशेष नियम एवं परंपराएं वर्णित है, जिनका पालन करना हर व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए अति आवश्यक होता है. इसी में एक है सरगी. आइये जानते हैं, सरगी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022 Mehndi Design: करवा चौथ पर ये आसान और खूबसूरत मेहंदी डिजाइन अपनी हथेलियों पर रचाकर अपने त्यौहार में लगाएं चार चादं, देखें ट्यूटोरियल
करवा चौथ पर सरगी का महत्व
करवा चौथ का व्रत रहने वाली सुहागिनों को लिए सरगी का विशेष महत्व होता है. सरगी वस्तुतः सास द्वारा अपनी सुहागन बहुओं को भोजन के रूप में दी जाने वाली थाली है, जिसका व्रती सुहागनें प्रसाद के तौर पर करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सेवन करती हैं, ताकि पूरे दिन बिना किसी बाधा के सुहागन स्त्रियां निर्जल व्रत रह सकें. सरगी की थाल में फल, मिठाई, सूखे मेवे, विभिन्न किस्म के व्यंजन सम्मिलित होते हैं.
सरगी का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व निर्धारित मुहूर्त के भीतर सरगी अवश्य कर लेनी चाहिए, इसके बाद कभी भी सूर्योदय हो सकता है, और सूर्योदय के बाद सरगी नहीं लेना चाहिए, वरना व्रत के कोई मायने नहीं रहते. सरगी का शुभ मुहूर्त है.
शुभ मुहूर्तः 04.46 AM से 05.36 AM (13 अक्टूबर 2022, गुरुवार)
अभिजीत मुहूर्तः 12.01 PM से 12.48 PM तक रहेगा. (13 अक्टूबर 2022)
अमृत कालः 04.08 PM से 05.50 PM तक रहेगा (13 अक्टूबर 2022)
करवा चौथ का चंद्रोदय 08:48 PM
सरगी की थाली पांच वस्तुएं
सुहाग पिटारा की वस्तुएँः सोलह श्रृंगार में कुमकुम, बिंदी, काजल, लाल साड़ी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, गजरा, महावर, सिंदूर, मांग टीका, बिछिया, कंघी, शीशा, बिछिया एवं कान की बाली अवश्य होनी चाहिए.
मौसमी एवं ताजे फलः सेब अनानास, केला, अनार के दाने, अंगूर करवा चौथ का व्रत प्रातः 4 बजे से चंद्रोदय तक निराहार एवं निर्जल रखना होता है, ऐसे में सुबह फलों का सेवन करने से शरीर में पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है.
मिठाईः सास द्वारा बहु को दिये गये सरगी की थाली में मिठाई होने से पूरे दिन शुभता बनी रहती है. मिठाई या तो दूध से बनी हो. इसके साथ सूतफेनी का सेवन भी करना शुभ माना जाता है. इससे व्रत एवं पूजा में किसी तरह की बाधा नहीं रहता है.
ड्राई फ्रूट्स एवं नारियल पानीः सरगी के समय ड्राई फ्रूट्स (काजू, बादाम, छुहारा, किशमिश, अखरोट और अंजीर आदि) एवं नारियल पानी तमाम विटामिनों से युक्त होने के कारण निर्जल रहने के बावजूद शरीर में शक्ति बनी रहती है. आप पूजा पाठ के लिए पर्याप्त ऊर्जावान रहते हैं.
ककड़ीः करवा चौथ निर्जला व्रत का पर्व है. चूंकि ककड़ी में पानी ज्यादा होता है, इसलिए सरगी के समय ककड़ी खाने से पूरे दिन शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाती.