Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस पर पतंग क्यों उड़ाई जाती हैं? जानें इसका रोचक इतिहास एवं महत्व इत्यादि!
स्वतंत्रता दिवस पर जहां तमाम जगहों पर तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया जाता है, वहीं इस दिन आकाश में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाने की भी विशेष परंपरा निभाई जाती है. पतंगबाजी महज मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे अर्थ और देश-भक्ति की गहरी भावना छिपी है. स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2025) की 79वीं वर्षगांठ पर आइये जानते हैं क्रांतिकारियों से जुड़ी इस परंपरा का महत्व, इसका रोचक इतिहास और इससे जुड़ी कुछ रोचक तथ्य.
स्वतंत्रता दिवस पर जहां तमाम जगहों पर तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया जाता है, वहीं इस दिन आकाश में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाने की भी विशेष परंपरा निभाई जाती है. पतंगबाजी महज मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे अर्थ और देश-भक्ति की गहरी भावना छिपी है. स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2025) की 79वीं वर्षगांठ पर आइये जानते हैं क्रांतिकारियों से जुड़ी इस परंपरा का महत्व, इसका रोचक इतिहास और इससे जुड़ी कुछ रोचक तथ्य.
पतंगबाजी का रोचक इतिहास
1927 में भारत के स्वतंत्रता सेनानी साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रकट कर रहे थे. भारी संख्या में स्वतंत्रता सेनानी हाथों में ‘साइमन वापस जाओ’ की तख्ती लेकर विरोध प्रकट कर रहे थे. देखते-देखते यह विरोध-प्रदर्शन इतना मुखर हुआ कि पूरे देश में पतंगों पर ‘साइमन गो बैक’ के नारे लिखकर आसमान में उड़ाया गया. बहुत से लोगों ने इस दिन काली पतंग उड़ाकर भी विरोध जताया. यही स्थिति सन 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के नारे भी पतंगों पर लिखकर उड़ाये गये. क्रांतिकारियों का यह प्रयोग इतना सफल रहा कि अंग्रेजों को घबराकर पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगना पड़ा, लेकिन 15 अगस्त 1947 में जब भारत आजाद हुआ, तो आजादी के दीवानों ने पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक, लखनऊ, इलाहाबाद (अब प्रयागराज), मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, अहमदाबाद, कानपुर जैसे तमाम शहरों में पतंग उड़ाकर खुशियां मनाई. इस परंपरा का निर्वाह आज भी किया जा रहा है. यह भी पढ़ें : Independence Day 2025 Wishes: स्वतंत्रता दिवस के इन देशभक्ति वाले हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, GIF Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
पतंगबाजी का महत्व
स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजी केवल पेंच लड़ाने का खेल नहीं, बल्कि यह आज़ादी का पर्व, गर्व और संघर्ष की याद का प्रतीक भी है. यह परंपरा हमें याद दिलाती है कि हमारी आज़ादी कितनी कीमती है. इसे बनाए रखने के लिए हमें जागरूक और एकजुट रहना चाहिए. पतंगबाजी एक ऐसा आयोजन है, जिसमें हर उम्र, हर जाति और धर्म के लोग मिलजुल कर मनोरंजन के लिए पतंग के पेंच लड़ाते हैं, यह एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है. लेकिन बदले हुए परिवेश में आज आकाश में उड़ती पतंगें खुशी, स्वतंत्रता और सपनों की उड़ान का प्रतीक है, ये पतंगे संदेश देती है, कि आज भारत आजाद है. अब हम खुले मन से ऊंची उड़ान उड़ सकते हैं