Skin Care in October Heat: सूर्य की तेज किरणों से त्वचा को झुलसने से बचाएं! चमकदार, स्निग्ध एवं नरम त्वचा के लिए अनमोल टिप्स!

र्षा ऋतु की विदाई और शीत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है अक्टूबर का महीना. इन दिनों सायंकाल से सूर्योदय तक के मौसम में जहां शीतलता घुली होती है, वहीं सूर्य के क्षितिज तक पहुंचते-पहुंचते उसकी किरणों की तीव्रता तीखी होती जाती हैं. इस मौसमी परिवर्तन का प्रतिकूल असर हमारी सेहत के साथ-साथ नरम-नाजुक त्वचा पर भी खूब पड़ती है.

ग्लोइंग स्किन (Photo Credit: Facebook)

वर्षा ऋतु की विदाई और शीत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है अक्टूबर का महीना. इन दिनों सायंकाल से सूर्योदय तक के मौसम में जहां शीतलता घुली होती है, वहीं सूर्य के क्षितिज तक पहुंचते-पहुंचते उसकी किरणों की तीव्रता तीखी होती जाती हैं. इस मौसमी परिवर्तन का प्रतिकूल असर हमारी सेहत के साथ-साथ नरम-नाजुक त्वचा पर भी खूब पड़ती है. तीखी सूर्य की किरणों से त्वचा की कोमलता, स्निग्धता एवं चमक बहुत प्रभावित होती है. ऐसे में त्वचा के प्रति सजग और केयरिंग होना बहुत जरूरी है. इस सर्द-गर्मी वाले मौसम से त्वचा को सुरक्षित रखने हेतु मुंबई की अनुभवी त्वचा रोग विशेषज्ञा डॉ. अप्रतिम गोयल (Celebrity Dermatologist Dr. Apratim Goel) यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दे रही हैं. आइये जानें उनके महत्वपूर्ण सुझाव

क्यों जरूरी है त्वचा को हाइड्रेट करना

अक्टूबर महीने में अमूमन दोपहर को सूर्य अपने प्रचण्ड वेग में होता है. डॉ. अप्रतिम गोयल बताती हैं, -तीक्ष्ण गर्मी में त्वचा हाइड्रेट रखना जरूरी होता है. त्वचा के लिये हाइड्रेशन आंतरिक (Internal) एवं बाह्य (External) दोनों तरफ से होनी चाहिए. इंटरनल हाइड्रेशन के लिए पानी और जूसी फल का सेवन करें, तथा न्यूनतम 2 लीटर पानी जरूर पीएं. ग्लोरियस त्वचा के लिए भी हाइड्रेशन जरूरी है. ये हाइड्रेशन मल्टी लेयर में होता है. पहले स्किन को एक्सप्लिट (Explicit) करते हैं, तभी त्वचा मॉयस्चराइजर को एब्जॉर्ब कर पाती है. यह भी पढ़े :श्वेत रक्त कोशिकाएं कोविड की गंभीरता को कैसे दर्शाती है?

डॉ. गोयल कहती हैं, -अमूमन तीन लेयर में हाइड्रेशन करते हैं, पहले हाइड्रेटिंग सिरम का प्रयोग करते हैं. अमूमन सीरम जो कि इंटेलेक्चुअल स्किन में डाइड्रेशन माल्युकुल है, जो हर किस्म की त्वचा पर सूट करता है. अगले चरण में मायस्चराइजिंग लोशन या क्रीम लगाएं. अगर त्वचा ऑयली है तो लोशन और ड्राय है तो क्रीम का प्रयोग करें. अगर सूर्य की तपन में तीव्रता है तो घर से निकलने के बाद हर दो घंटे पर चेहरे को स्प्रे करती रहें. रात के समय क्रीम की मोटी लेयर लगायें. होंठ और आंखों के निचले हिस्से को भी हाइड्रेट करें.

कब और क्यों जरूरी है सन स्क्रीन

डॉ अप्रतिम बताती हैं, सन स्क्रीन नाम से अकसर मरीज कहते हैं कि हम धूप में नहीं जाते हैं तो सन स्क्रीन क्यों लगायें? वस्तुतः इसका नाम ही गलत है. कोई भी अंधेरे में नहीं बैठता. अधिकांश लोग सुबह उठने के बाद से लगातार लाइट में रहते हैं, वह चाहे किचेन में गैस की लाइट हो, ट्यूब लाइट हो, लैपटॉप अथवा टीवी की लाइट हो या फिर मोबाइल की लाइट हो. आंखों को लगातार रोशनी के सामने रहना पड़ता है. धीरे-धीरे ये लाइटें हमारी स्किन की कॉलिजन कम कर उसे, ड्राय करती हैं, झुर्रियां (Wrinkle) पैदा करती हैं.

प्रीमैच्योर एजिंग करती है, स्किन टैन हो जाती है. ये सब धूल एवं रोशनी के कारण होता है. इसलिए सन स्क्रिन जरूर लगायें. लेकिन सन स्क्रिन डायरेक्ट नहीं लगाना चाहिए. पहले सीरम लगाएं, फिर मायस्चराइजर और इसके बाद सन स्क्रीन लगायें. सन स्क्रीन में यह भी देखें कि आप कौन से एसपीएफ (Sun Protection Factor) का फैक्टर कर रहे हैं. न्यूनतम 26 एसपीएफ से ऊपर का सनस्क्रीन इफेक्टिव होती है. हांलाकि बहुत हाई एसपीएफ का सनस्क्रीन यूज कर रही हैं तो यह नुकसानदेह नहीं है, मगर फायदेमंद भी नही है. फिर आजकल सन स्क्रीन सिलिकोन बेस्ड आती है,जो ज्यादा चिपचिपा नहीं होती, कुछ में थोड़ा फाउंडेशन मिक्स होता है. इस वजह से एक्स्ट्रा फाउंडेशन की जरूरत नही होती.

अहम है त्वचा की सफाई भी

तेज धूप से बजने के लिए त्वचा पर सिर्फ प्रोडक्ट का ही इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. चेहरे पर लगाये जाने वाले स्किन केयर प्रोडक्ट कभी-कभी त्वचा के रोम-छिद्रों को बंद कर सकते हैं. इसके बाद त्वचा की सक्रियता कम हो जाती है. इसलिए त्वचा पर किसी भी तरह का प्रोडक्ट लगाने के बाद इसकी साफ-सफाई करना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए त्वचा पर क्लिंजर का इस्तेमाल कर त्वचा के बंद रोम छिद्रों को खोलें. दिन में कम से कम दो बार चेहरा अवश्य धोयें. स्वच्छ त्वचा शरीर को पूरी तरह राहत प्रदान करते हैं.

खानपान में आवश्यक बदलाव करें

डॉक्टर अप्रतिम के अनुसार, -त्वचा की सुरक्षा काफी हद तक आपके खानपान पर भी निर्भर करती है. झुलसती गर्मी, धूल अथवा अन्य बाहरी विकारों से त्वचा को बचाने के लिए अपने आहार में एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर पौष्टिक खाद्य-पदार्थ अवश्य शामिल करें. पौष्टिक आहार आपकी त्वचा को पोषित रखता है और नेचुरल ग्लो देता है. गरमी की तीक्ष्णता से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए खाने में ताजे फल एवं ताजी हरी सब्जियां अवश्य शामिल करें. इसके अलावा खीरा, ककड़ी, करेला, पालक, तरबूज, संतरा, चेरी एवं लीची जैसे फलों का सेवन करने से भी त्वचा ग्लोरियस बनती है.

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