डॉक्टर ने मरीज से कहा कि अगले 24 घंटे में वो मर जाएगा, जब ऐसा नहीं हुआ तो पीड़ित ने कर दिया केस
साल 2016 में एक 72 वर्षीय मरीज की बीमारी को गलत डायग्नोज करने के मामले में मुलुंड स्थित अदिति हॉस्पिटल और गोकुल स्कैन सेंटर पर 9 फीसदी ब्याज के साथ 51, 000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसके बाद दोषी अस्पताल पीड़ित परिवार को 60 हजार रूपए मुआवजे के तौर पर देगा.
मुंबई: साल 2016 में एक 72 वर्षीय मरीज की बीमारी को गलत डायग्नोज करने के मामले में मुलुंड स्थित अदिति हॉस्पिटल और गोकुल स्कैन सेंटर पर 9 फीसदी ब्याज के साथ 51, 000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसके बाद दोषी अस्पताल पीड़ित परिवार को 60 हजार रूपए मुआवजे के तौर पर देगा. दरअसल, साल 2016 में मुंह से खून निकलने की शिकायत होने पर 72 वर्षीय बाचू राव को उसके परिवार वाले अदिति अस्पताल ले गए.
अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने 24 फरवरी, 2016 को मरीज की बीमारी को डायग्नोज करने के लिए गोकुल स्कैन सेंटर भेजा. टेस्ट के बाद पीड़ित को बताया गया कि वो उसकी बड़ी धमनी में छेद है और वो सिर्फ 24 घंटे का ही मेहमान है. 24 घंटे तक जीवित रहने वाली बात ने पीड़ित और उसके परिवार वालों की मुश्किलें बढ़ा दी थीं.
इसके बाद परेशान परिवार मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल पहुंचा, जहां टेस्ट कराने पर यह पता चला कि मरीज बड़ी धमनी में छेद की समस्या से नहीं, बल्कि पेप्टिक अल्सर से पीड़ित है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बाचू राव ने गलत डायग्नोज करने और मरीज को गुमराह करने के आरोप में जुलाई 2016 में मुंबई सबर्बन कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल फोरम में शिकायत दर्ज कराई. यह भी पढ़ें: चौकाने वाला खुलासा! 4 राज्यों के ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले 23% बच्चे हाई बीपी के शिकार
हालांकि काफी समय तक मामले के लंबित रहने की वजह से दुर्भाग्यवश पीड़ित की मौत हो गई, जिसके बाद उसके बेटे शेशगिरी ने इस लड़ाई को जारी रखा. इस मामले की जांच के दौरान फोरम ने यह पाया कि अदिति अस्पताल और गोकुल स्कैन सेंटर ने ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया और गलत रिपोर्ट देकर मरीज को गुमराह किया. जिसके बाद फोरम ने दोषी अस्पताल और स्कैन सेंटर को मुआवजे के तौर पर 60 हजार रुपए पीड़ित परिवार को देने का निर्देश दिया.