Coronavirus Testing: क्या चेस्ट एक्स-रे के जरिये कोरोना वायरस की हो सकती है टेस्टिंग?

कोरोना टेस्ट में हाल ही में केंद्र सरकार ने लक्षण वाले मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गाइडलाइन जारी की है. हांलाकि कई लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, ऐसे में कई बार कोरोना टेस्ट में एक बार पॉजिटिव आता है तो एक बार नेगेटिव आता है.

कोरोना वायरस का प्रकोप (Photo Credits: ANI)

कोरोना टेस्ट में हाल ही में केंद्र सरकार ने लक्षण वाले मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को  गाइडलाइन जारी की है. हांलाकि कई लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, ऐसे में कई बार कोरोना टेस्ट में एक बार पॉजिटिव आता है तो एक बार नेगेटिव आता है. ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब दिये जीबी पंत हॉस्पिटल, नई दिल्ली, डॉ. संजय पांडेय ने.

पॉजिटिव और नेगेटिव आने की वजह

डॉ. संजय बताया कि अगर लक्षण होने के बावजूद रैपिड एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव आ जाये तो डॉक्टर RT-PCR करते हैं. तब कई बार पॉजिटिव आ जाता है. दरअसल कई बार लोग सामान्य सर्दी-जुकाम से पीड़ित होते हैं तो भी उनका टेस्ट नेगेटिव ही आता है. इसलिये परेशान होने की जरूरत नहीं है. रैपिड एंटीजन टेस्ट को गोल्ड स्टैंडर्ड नहीं मानते हैं, इसलिये आरटीपीसीआर टेस्ट करते हैं. लोगों को यही सलाह है क‍ि कोरोना का टेस्ट सरकारी अस्पताल जाकर ही करायें.

एक्स-रे के जरिये पकड़ में आया कोरोना वायरस 

कई जगह कोरोना के लिये चेस्ट एक्स-रे भी किया जा रहा है, ऐसे में एक्स-रे कितना कारगर है इस पर उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर (RT-PCR) की जांच में स्वॉब  नाक और गले से लेकर जांच करते हैं. लेकिन अगर वायरस गले से अंदर फेफड़े में पहुंच गया है और निमोनिया हो गया है तो एक्स-रे से हमें यह पता चल जाता है कि फेफड़ों में वायरस का प्रभाव कम है या ज्यादा है. दरअसल वायरस फेफड़े में पहुंचने पर काफी तेजी से बढ़ने लगता है और अपना असर छोड़ता है.

सर्दी में कितना प्रभावी रहेगा वायरस

वहीं सितंबर महीने के अक्टूबर में ठंडी दस्तक देने लगती है, मौसम बदलने के साथ ही लोगों में वायरस के प्रकोप को लेकर काफी चिंता होने लगती है. कोरोना पर सर्दी के मौसम के प्रभाव पर डॉ. संजय ने कहा कि कोरोना का मौसम पर क्या प्रभाव पड़ेगा, अभी भी कुछ स्पष्ट नहीं है. इसलिये कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योंकि पहले लगा गर्मी में संक्रमण कम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सर्दी आने वाली लेकिन पैनिक नहीं होना है, क्योंकि अभी सर्दी के लिये 2-3 महीने का वक्त है, उम्मीद है तब तक वैक्सीन आ जाये. वायरस की क्या स्थिति होगी, अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता है.

मास्क लगाकर 70 प्रतिशत हो सकते हैं सुरक्षित

इस दौरान उन्होंने कहा कि कहीं भी जा रहे हैं और मास्क लगाये हैं तो 70 प्रतिशत तक खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. अगर कहीं भीड़ है तो वहां से जल्दी निकल जायें. ध्यान रखें, भीड़ अगर बंद जगह में है, तो ज्यादा खतरा है, कहीं खुले में है, तो संभावना  कम है. इसके अलावा हाथ धोते रहें. पानी नहीं है तो समय-समय पर सैनिटाइज़र का प्रयोग करें. किसी से भी बात करते वक्त दूरी रखें और मास्क जरूर लगाए रहें. अगर किसी को कोई लक्षण नजर आ रहा है या किसी संक्रमित के संपर्क में आये हैं तो जरूरी नहीं है कि वो घातक हो. सबसे जरूरी है कि अस्पताल जायें और टेस्ट करायें. अगर संक्रमण है तो होम आइसोलेशन की भी व्यवस्था है. लेकिन अगर टेस्ट ही नहीं करायेंगे तो ये नासमझी है, इससे खुद के साथ परिवार की जान को भी खतरा हो सकता है. इसलिये कोरोना के लक्षण में कोई लापरवाही न रखें.

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