आमतौर पर खाने के बाद मुंह का टेस्ट बदलने के लिए सौंफ (Fennel) खाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि मुंह का जायका बदलने वाले इस नन्हें से सौंफ में कितने सारे गुण हैं जो आपको चिरकाल तक सुंदर ही नहीं बल्कि सेहतमंद भी बनाते हैं. क्योंकि सौंफ के अति छोटे बीज के अंदर फास्फोरस, आयरन, सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम जैसे तमाम तत्व मौजूद होते हैं. तो आइये जानें सौंफ के हर गुण को हम किन-किन जगहों पर इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि हम शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त ही नहीं बल्कि सुंदर भी बने रहें...
सौंदर्य के लिए लाभकारी
सौंफ विटामिन-सी का सर्वोत्तम स्त्रोत माना जाता है. बहुत कम लोगों को पता होगा कि सौंफ के निरंतर सेवन से हमारी त्वचा का सपोर्ट सिस्टम काफी संतुलित होता है. नन्हां-सा सौंफ सूर्य की रोशनी, प्रदूषण और धुंए से हमारी त्वचा की रक्षा करता है. इस वजह से हमारी त्वचा की स्निग्धता बनी रहती है. त्वचा के साथ-साथ सौंफ बालों के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है. अगर आपके बालों में डैंड्रफ है और बाल बहुत गिरते हैं तो सौंफ का इस्तेमाल इस तरह करें. तीन चम्मच सौंफ के पाउडर को दो प्याले पानी में मिलाकर उबालें. अच्छी तरह उबल जाने के बाद इसे ठंडा होने के लिए अलग रख दें. इसके पश्चात जब बालों को शैंपू और कंडीशनर करने के पश्चात इस पानी से बालों को धो लें. सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट्स पाये जाते हैं, जो आपकी प्राकृतिक रूप से बढ़ती उम्र से होने वाले परिवर्तनों पर नियंत्रण रखते हैं. अक्सर ब्यूटीशियन्स मोटापा कम करने के लिए भी सौंप का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, क्योंकि सौंफ शरीर की अतिरिक्त चर्बी को जलाता है और भूख को कम करता है.
हरा सौंफ स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए बेहद गुणकारी होता है. कुछ लोग खाने के पश्चात हरा सौंफ खाते हैं तो कुछ लोग मसालों और शरबत आदि के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. आंखों की छोटी-मोटी तकलीफ में मिश्री के साथ सौंफ मिलाकर दिन में दो बार खाने से फायदा होता है. इसके अलावा सौंफ का चाय पीने से त्वचा संबंधी बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके निरंतर उपयोग से त्वचा में खिंचाव बना रहता है, इस वजह से आप ज्यादा समय तक युवा दिख सकते हैं. यह भी पढ़ें: कई बीमारियों का कारगर इलाज है अजवाइन, रोजाना सुबह खाली पेट ऐसे करें इसका सेवन
सेहत के लिए हितकारी
हरा सौंफ सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी है. सौंफ में विटामिन-सी, पोटैशियम, मैग्नींज, लोहा और फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं. सौंफ में जीवाणुनाशक और एंटीबायोटिक गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं, अगर मसूड़ों में दर्द है तो सौंफ चबाने से राहत मिलती है, साथ ही मुंह की बदबू भी खत्म होती है. सूजन एवं अपचन जैसी शिकायतों का इलाज भी सौंफ है. अगर पेट में दर्द हो तो सौंफ और मिशरी की समान मात्रा लेकर उसे पीस लें. इस मिश्रण का एक-एक चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लें. इससे पेट दर्द से तो मुक्ति मिलती ही है, पेट में गैस भी नहीं बनने देती. सौँफ में फाइबर होने के कारण कब्ज जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है.
सौंफ के नियमित इस्तेमाल से पाचन क्रिया सुचारु होती है और पेट दर्द से भी मुक्ति दिलाती है. अगर रुक-रुक कर पेशाब आने की शिकायत है अथवा पेशाब के रास्ते में जलन हो रही है तो दिन में दो बार रोजाना सौँफ की चाय बनाकर पीयें, आराम मिलेगा.
आंखों में सूजन है तब भी सौंफ का इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है. सौंफ में पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा होती है. इसलिए सौंफ के नियमित प्रयोग से उच्च रक्तचाप नियंत्रण में रहता है, इससे ह्दयाघात का भय कम हो जाता है. सौंफ सर्दी, जुकाम, फ्लू और साइनस से भी राहत दिलाता है. अगर आपको डकार अथवा खट्टी डकार आ रही है तो सौंफ का शरबत (चीनी नहीं मिशरी के साथ) बनाकर दिन में दो बार आधा-आधा गिलास पीएं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.