N95 Mask को लेकर पैदा हुई भ्रम की स्थिति, फिल्टर लगे एन95 मास्क प्रदूषण से बचा सकते हैं कोरोना संक्रमण से नहीं, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एन95 मास्क को लेकर पैदा हुई भ्रम की स्थिति के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि सभी एन95 मास्क में परेशानी नहीं है, केवल वॉल्व लगे मास्क को मना किया गया है. वॉल्व लगे मास्क प्रदूषण से बचाव के लिए बनाए गए हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव नहीं कर सकता है.
N95 Mask: दिसंबर 2019 में चीन से फैले कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) से पूरी दुनिया जूझ रही है. इस महामारी (Pandemic) को फैले हुए 6 महीने से भी ज्यादा का समय बीत गया है और लगातार इस वायरस को लेकर नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. पहले 95मास्क (N95 Mask) को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी माना जा रहा था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि एन95 मास्क का गलत इस्तेमाल हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) द्वारा कहा गया है कि फिल्टर (Filter) या रेस्पिरेटर (Respirator) और वॉल्व लगे एन95 मास्क कोरोना वायरस से बचाव में फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं. हालांकि सभी एन95 मास्क को लेकर ऐसा नहीं कहा जा रहा है, जिसके बाद इस मास्क को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.
इस मामले में नई दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में प्रोफेसर डॉ. अपर्णा अग्रवाल का कहना है कि सभी एन95 मास्क में परेशानी नहीं है, केवल वॉल्व लगे मास्क को मना किया गया है. वॉल्व लगे मास्क प्रदूषण से बचाव के लिए बनाए गए हैं. जब हम प्रदूषण से बचने के लिए मास्क लगाते हैं तो बाहर से पॉल्यूशन के कण नहीं आते है. मास्क में वॉल्व इसलिए लगाए जाते ताकि अंदर से मुंह की हवा बाहर जा सके. इसमें वन वे प्रोटेक्शन होता है.
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अब ये मास्क अगर कोई संक्रमित व्यक्ति लगाता है तो उसके मुंह से कोरोना वायरस बाहर निकल सकता है और सामने वाले को संक्रमित कर सकता है, इसलिए बिना वॉल्व वाले मास्क को पहनने का सुझाव दिया गया है. जिन अस्पतालों में वॉल्व वाले मास्क आ गए हैं, वहां उसके ऊपर सर्जिकल मास्क पहनने को कहा गया है. यह भी पढ़ें: N-95 Mask Warning: छिद्रयुक्त श्वासयंत्र लगे एन-95 मास्क से नहीं होगा वायरस से बचाव, केंद्र सरकार ने जारी की चेतावनी
बताया जा रहा है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है और वह फिल्टर वाला मास्क लगाता है तो उसके मुंह से वायरस रेस्पिरेटर के जरिए बाहर निकल जाते हैं. इस मास्क को खास परिस्थिति में प्रदूषण से बचाव के लिए लगाए जाता है, लेकिन कोरोना से बचाव के तौर पर इसका इस्तेमाल फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है.