Mumbai iNCOVACC Vaccine Update: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं, ऐसे में महाराष्ट्र (Maharashtra) में बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन सतर्क है और एक बार फिर से टीकाकरण (Vaccination) पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में आज से मुंबई के सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) को कोरोना की इनकोवैक दी जाएगी. मुंबई नगर निगम के करीब 24 वार्डों में चयनित केंद्रों पर इनकोवैक इंट्रा नेजल वैक्सीन (iNCOVACC Intra Nasal Vaccine) दी जाएगी.
मुंबई नगर निगम की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली इनकोवैक (iNCOVACC BBV154) वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी. इस वैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक ने किया है. इस वैक्सीन के लिए मुंबई में कौन-कौन से सेंटर उपलब्ध होंगे, इसकी लिस्ट भी जारी की गई है. सूची के मुताबिक मुंबई के करीब 24 वार्डों के टीकाकरण केंद्रों पर यह टीका सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक उपलब्ध रहेगा. यह भी पढ़ें: Health Tips for Covid Patient: जानें कोविड हो तो क्या खाएं क्या न खाएं, चिकन सूप पीना बुरा विचार नहीं है
इनकोवैक की खासियत यह है कि इसे नाक से दिया जाता है. अब तक जो भी कोराना रोधी टीकों की खुराक दी गई है, उनमें से अधिकांश को शरीर में इंजेक्ट किया जा चुका है. इनकोवैक कोविड-19 से बचाव के लिए भारत की पहली वैक्सीन है, जो नाक के जरिए दी जा रही है, इसलिए इस वैक्सीन को इंट्रा-नेजल कोविड वैक्सीन कहा जाता है.
दरअसल, कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट अब तक सामने आ चुके हैं, ऐसे में वैरिएंट विशिष्ट टीकों के तेजी से विकास और नेजल्स में सुगमता से उपयोग को सक्षम करने के लिए इस टीके के दोहरे लाभ बताए गए हैं. यह चितां का कारण बन रहे नए उभरते वैरिएंट से बड़े पैमाने पर बचाने में सक्षम बनाता है. इसके साथ ही यह महामारी और महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर टीकाकरण में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनने का वादा करता है. यह भी पढ़ें: COVID-19 Spike: देश में फिर लौट रहा कोरोना, दिल्ली से मुंबई तक संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार; जानें क्या है इसका कारण
यह वैक्सीन प्री-फ्यूजन स्टेबलाइज्ड स्पाइक प्रोटीन के साथ एक पुन: संयोजक की प्रतिकृति न हो सकने वाली एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है. नाक से दी जाने की इस प्रणाली को कम और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी बनाने के मकसद से डिजाइन और विकसित किया गया है. इस टीके को स्थिर रखने के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान आवश्यक है.